आगरा में सरकारी टीचर को साइबर अधिकारियों ने इस कदर जाल में फंसाया कि हार्ट अटैक से उनकी जान चली गई। चार घंटे तक उनसे कॉल पर बात हुई। महिला अध्यापिका की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।
साइबर अपराधियों के डिजिटल अरेस्ट ने सहायक शिक्षिका मालती वर्मा की जान ले ली। पुलिस अधिकारी बन काॅल कर उनसे कहा गया कि उनकी बेटी सेक्स स्कैंडल में पकड़ी गई है। उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है। अगर, उसे बचाना चाहती हो तो 15 मिनट में 1 लाख रुपये हमारे खाते में ट्रांसफर कर दो। वह स्कूल में थीं।4 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में अपराधी गलत जानकारी देकर धमकाते रहे। बेटी से बात कराने का झांसा दिया। दूसरी तरफ से ‘मां मुझे बचा लो’ की आवाज आई तो सहायक शिक्षिका परेशान हो गईं। घर आने के बाद उनकी हालत बिगड़ी और मृत्यु हो गई।
सुभाष नगर, अलबतिया रोड निवासी मालती वर्मा अछनेरा स्थित राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल में सहायक शिक्षिका के पद पर कार्यरत थीं। 30 सितंबर को दोपहर में 12 बजे उनके पास व्हाट्सएप काॅल आया। काॅलर की डीपी में वर्दी पहने पुलिस अधिकारी की फोटो थी। इस पर नाम कैप्टन विजय कुमार लिखा था।
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शिक्षिका के बेटे दीपांशू राजपूत ने बताया कि मां को 10 बार काॅल किया गया। कहा गया कि आपकी बेटी स्कैंडल में फंस गई है। काॅल करने वाले ने अपना परिचय पुलिस अधिकारी के रूप में दिया था। कहा था कि आपको बेटी को छुड़ाना है तो तुरंत 1 लाख रुपये एक नंबर पर बात करके तुरंत ट्रांसफर कर दो। यह सुनकर वह घबरा गईं। उन्हें गहरा धक्का लगा।
इस पर मां ने उन्हें काॅल किया। कहा कि बेटा 1 लाख रुपये एक नंबर पर भेज दो। उन्होंने मां से रुपये भेजने का कारण पूछा। उनकी सांस फूल रही थी। ठीक से बोल भी नहीं पा रही थीं। बस यही कहा कि एक नंबर बता रही हूं। उस पर रकम दे देना। अगर, पैसा नहीं पहुंचा तो सब कुछ गड़बड़ हो जाएगा। उन्होंने नंबर लिया। जिस नंबर से काॅल था, वह +92 से शुरू हो रहा था।
बेटे ने समझाया मां बहन ठीक है…आप परेशान मत हो
घबराए हुए दीपांशु ने बताया कि उन्होंने बहन को वीडियो काॅल किया। पूछा कि कहां पर हो? तुम ठीक तो हो ना। बहन बीफार्मा कर रही है। वह काॅलेज में थी। बहन से बात करने के बाद दीपांशु ने मां को बताया। कहा कि वह चिंता नहीं करें। बहन ठीक है। उससे बात कर ली है। लेकिन, मां की दहशत कम नहीं हुई। इधर उन पर पुलिस अधिकारी की फोटो लगे नंबर से लगातार काॅल आती रहीं। वह शाम 4 बजे घर पहुंचीं। उनकी हालत बिगड़ी हुई थी। एकाएक पसीना आने लगा। घबराहट बढ़ने पर उन्हें पानी पिलाया। शीतल पेय दिया। हालत में सुधार नहीं होने पर अस्पताल ले गए, जहां उन्हें डाक्टर ने मृत घोषित कर दिया।