प्रयागराज। परिषदीय विद्यालय के शिक्षकों के पदोन्नति में कानूनी दांवपेच कम होने का नाम नहीं ले रहा। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी की ओर से 21 मई को जारी आदेश में सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय के संविलियन के बाद कंपोजिट विद्यालय बनने की दशा में प्राथमिक के प्रधानाध्यापक को उच्च प्राथमिक विद्यालय का सहायक अध्यापक मान लिया जाए। इस पर कुछ शिक्षकों ने आपत्ति की है।

मेरठ के शिक्षक हिमांशु राणा ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अवमानना याचिका दायर की है। इस मामले में एक अक्तूबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अधिकारियों से जवाब मांगते हुए 14 नवंबर की अगली तारीख लगा दी है। हिमांशु का कहना है कि 29 जनवरी 2024 को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की गाइडलाइन के अनुसार शिक्षकों की पदोन्नति की जा सकती है। जबकि सचिव का 21 मई के निर्देश हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ है। एनसीटीई की नियमावली कहती है कि एक से दूसरे स्तर पर जाने के लिए दूसरे स्तर के लिए आवश्यक न्यूनतम अर्हता होना चाहिए।
- जिले में फिर बंद हुए स्कूल : ऑनलाइन चलेंगी कक्षाएं, जानें लें DM का ये आदेश; BSA बोले- शिक्षक आएंगे
- ट्यूशन न पढ़ने पर शिक्षिका ने छात्रा को पीटा, शिकायत पर प्रधानाचार्य ने पिता से की हाथापाई
- स्कूल में अधूरे काम पर प्रधानाध्यापक का स्पष्टीकरण किया तलब
- बेटे का एडमिशन…घर में पूजा है, प्लीज ड्यूटी कटवा दीजिए- माध्यमिक शिक्षकों की लगी है ड्यूटी
- Primary ka master: 25 शिक्षा अधिकारियों व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की ने जनपद के परिषदीय स्कूलों का किया औचक निरीक्षण , पांच स्कूल बंद, 40 शिक्षक मिले नदारद
इस मामले में प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को यदि उच्च प्राथमिक स्कूल का सहायक अध्यापक बनाया जा रहा है तो उसे जूनियर स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) पास होना चाहिए। दुर्भाग्यवश इसे नजरअंदज करते हुए अधिकारियों ने प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सब्जेक्ट मैपिंग के नाम पर उच्च प्राथमिक का सहायक अध्यापक बना दिया, जो कि गलत है। कानूनी अड़चन के कारण ही परिषदीय शिक्षकों की पदोन्नति आठ साल से नहीं हो पाई है।