प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) एक तरफ र पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 दो 5 दिन कराने की तैयारी कर रहा है, वहीं आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। न
ने में सोमवार को एक्स पर इसके विरोध में अभियान चलाया गया।
देश में नंबर एक पर ट्रेंड करने न वाले इस अभियान में शामिल एक में लाख छात्रों ने अपनी प्रतिक्रिया दी। पर्याप्त संख्या में परीक्षा केंद्र उपलब्ध न न होने के कारण आयोग ने सात एवं आठ दिसंबर को पीसीएस प्रारंभिक न परीक्षा कराने की तैयारी की है।
इसके लिए तकरीबन 50 जिलाधिकारियों से 17 अक्तूबर तक परीक्षा केंद्रों की लिस्ट मांगी गई है। परीक्षा सात एवं आठ दिसंबर को सुबह 9.30 से 11.30 और अपराह्न 2.30 से 4.30 बजे तक । कराए जाने की तैयारी है।
इससे पूर्व आयोग एक ही दिन में दो सत्रों में परीक्षा करा लेता था। शासन की ओर से नई गाइडलाइन जारी होने के बाद केंद्र निर्धारण के नियम काफी सख्त कर दिए गए हैं
एक ही दिन पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा कराने के लिए अभ्यर्थियों ने छेड़ी मुहिम
और निजी स्कूल-कॉलेजों को केंद्र बनाए जाने पर रोक लगा दी गई है। पीसीएस-2024 के तहत 220 पदों के लिए 576154 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। दो दिन परीक्षा कराए जाने पर इनमें से आधे अभ्यर्थी पहले दिन की दो पालियों और बाकी के आधे अभ्यर्थी दूसरे दिन की दो पालियों में परीक्षा देंगे। ऐसा पहली बार होगा जब पीसीएस के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को अलग-अलग दिनों में परीक्षा देनी होगी और ऐसे में एक समान मूल्यांकन पर सवाल उठने लाजिमी हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि एक समान मूल्यांकन के लिए अगर मानकीकरण (नॉर्मलाइजेशन) की व्यवस्था लागू की जाती है तो इसकी आड़ में गड़बड़ी की आशंका बनी रहेगी।
पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार के सवाल पूछे जाते हैं और प्रश्न के सही उत्तर पर उसके लिए निर्धारित पूरे अंक मिलते हैं। ऐसे में आयोग मानकीकरण के तहत किस फार्मूले से अभ्यर्थियों के अंक काटेगा या बढ़ाएगा।
एक्स पर दिनभर ऐसी ही प्रतिक्रियाएं आती रहीं। सोमवार सुबह दस बजे से ‘यूपीपीएससी वनशिफ्ट वनडे’ नाम से शुरू हुआ यह अभियान दोपहर 12.30 बजे तक देश में नंबर एक पर ट्रेंड करता रहा।
दोपहर सवा तीन बजे के आसपास 87600 पोस्ट के साथ यह अभियान नंबर चार पर ट्रेंड कर रहा था। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि देर शाम तक तकरीबन एक लाख अभ्यर्थी इस अभियान का हिस्सा बने।
इससे स्पष्ट है कि अभ्यर्थी एक ही दिन में दो सत्रों में परीक्षा कराने के पक्ष में हैं। यदि आयोग दो दिन परीक्षा कराने पर अड़ा रहता है तो व्यापक पैमाने पर आंदोलन होगा।