कक्षा एक से आठ तक के प्राइमरी स्कूलों को निपुण बनाने एवं पढ़ाई की गुणवत्ता सुधारने के लिये एकडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) का अधिकतम कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। किसी भी शिक्षक के एक बार एआरपी के पद पर चयन होने पर दोबारा नहीं बन पाएंगे। तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर नए सिरे से चयन प्रकिया होगी। नए शिक्षकों को मौका मिलेगा। स्कूल महानिदेशक ने यह निर्देश जारी किये हैं। हालांकि मौजूदा समय में तैनात एआरपी का कार्यकाल मार्च 2025 बढ़ाया गया है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने प्राइमरी स्कूलों को निपुण बनाने के लिये वर्ष 2020 में एआरपी तैनात किये थे। इन्हें 10-10 स्कूलों को निपुण बनाने का लक्ष्य तय किया है। यह एआरपी शिक्षक ही होते हैं। इनके जिम्मे विभागीय गतिविधियां और प्रशिक्षण शिक्षकों तक पहुंचाने का काम होता है। इसका स्कूलों में पालन कराना और निपुण बनाने का लक्ष्य तय है। स्कूल महानिदेशक कंचन वर्मा ने जारी आदेश में कहा कि एआरपी की नियुक्ति एक वर्ष के लिये होगी। प्रत्येक वर्ष एआरपी का प्रदर्शन अप्रेजल के आधार पर जिला चयन समिति तय करेगी। समिति के अनुमोदन पर ही इनका नवीनीकरण होगा। इनका कार्यकाल तीन वर्ष पूरे होने पर नए सिरे से एआरपी का चयन होगा। पूर्व में अकादमिक रिसोर्स पर्सन्स रह चुके शिक्षक दोबारा इस पद के लिये अर्ह नहीं होंगे। लखनऊ में 1618 प्राइमरी स्कूलों में 37 एआरपी तैनात हैं