लखनऊ, । उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग अगले एक सप्ताह में नई बिजली दरें घोषित कर सकता है. उपभोक्ता परिषद ने एक बार फिर से बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं के निकल रहे 33,122 करोड़ रुपये के एवज में बिजली दरें कम करने की मांग की है। उन्होंने ऊर्जा मंत्री से मांग की कि विद्युत अधिनियम-2003 की धारा-108 में बिजली दरों में कमी का निर्णय लें।
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- सोशल आडिट के क्रियान्वयन हेतु आबद्ध विश्वविद्यालयों को सहयोग प्रदान करने के सम्बन्ध में।
- 16 तारीख को अवकाश से संबंधित आदेश जिलाधिकारी महोदय जी का
ऐसा कर सरकार 3.45 करोड़ उपभोक्ताओं को बड़ी राहत पहुंचा सकती है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने रविवार को जारी बयान में कहा है कि ऐसा कोई कानून नहीं है तो उपभोक्ताओं की सरप्लस धनराशि बिजली कंपनियों पर निकलने की स्थिति में बिजली दरों में बढ़ोतरी की इजाजत दे। बिजली दरों के साथ ही नियामक आयोग बिजली कंपनियों के सालाना खर्चे (वार्षिक राजस्व आवश्यक्ता) पर भी इसी सप्ताह फैसला सुनाएगा। बिजली दरों पर फैसले की समय सीमा इसी सप्ताह पूरी हो रही है।
बता दें कि लंबे समय से यूपी में बिजली दरों में कमी केवल इसलिए नहीं हो पा रही है क्योंकि पावर कॉरपोरेशन नहीं चाहता है कि बिजली दरों में कमी हो।
नोएडा पावर कंपनी में जब उपभोक्ताओं का लगभग 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का सरप्लस निकला तो वहां पर पिछले दो सालों से बिजली दरों में 10 प्रतिशत कमी की जा रही है। इसी आधार पर उपभोक्ताओं की निकल रही सरप्लस धनराशि के एवज में प्रदेश की अन्य बिजली कंपनियों में भी बिजली दरों में कमी किए जाने की मांग चली आ रही है।