लखनऊ। जिस भिखारी को आप गरीब, मजलूम, मजबूर, बेसहारा समझ कर भीख दे रहे हैं, हो सकता है वह आपसे ज्यादा अमीर हो। उसके पास ज्यादा बैंक बैलेंस हो। अच्छे मकान में रह रहा हो। यह हकीकत है। नवाबों की नगरी लखनऊ में चल रहे सर्वे व इनकी धड़पकड़ अभियान में कई ऐसे तथ्य सामने आये हैं। सर्वे में पता चला है कि शहर के भिखारियों ने कमाई के मामले में अफसरों को भी पीछे छोड़ दिया है। एक-एक भिखारी दिनभर में एक हजार से लेकर तीन हजार रुपये रोज भीख मांग रहा है। कुछ की कमाई तो महीने में 90 हजार रुपये से ज्यादा है। जांच में कई भिखारियों के पास आधार के साथ पैनकार्ड तक मिले हैं। आकलन के मुताबिक लखनऊ के लोग रोज करीब 63 लाख रुपये भिखारियों को बांट रहे हैं।
- केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE), दिल्ली : “सिंगल गर्ल चाइल्ड छात्रवृत्ति योजना” के लिए नीचे दिए गए लिंक से करें ऑनलाइन आवेदन, देखें
- अब वाट्सएप पर वायस मैसेज भी पढ़ सकेंगे, ऐसे करें नए फीचर का उपयोग
- Primary ka master: नए सिरे से होगा विद्यालय प्रबन्ध समितियों का गठन
- Primary ka master: आपसी झड़प में प्राइमरी पाठशाला की सहायक शिक्षिका हुईं बेहोश
- Primary ka master: निरीक्षण में नदारद मिले 121 शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक
शहर में पांच हजार से ज्यादा भिखारी लखनऊ में समाज कल्याण विभाग के सर्वे में 5312 भिखारी मिले। इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। सर्वे में शामिल डूडा के परियोजना अधिकारी सौरभ त्रिपाठी कहते हैं कि भिखारियों की आमदनी जानकर हैरान रह गया।
खाते में 13 लाख एक भिखारी ने अधिकारियों को बताया कि उसने अपने बैंक खाते में 13 लाख रुपये जमा किए हैं। उसे सरकारी सुविधा नहीं चाहिए। केवल भीख मांगने की अनुमति दी जाए। गर्भवती व छोटा बच्चा गोदी में लेकर भीख मांगने वाली महिलाओं के जहां तीन-तीन हजार तक रोज कमाई के बारे में पता चला है।
महिलाओं की ज्यादा कमाई भीख से सबसे ज्यादा कमाई महिलाएं कर रही हैं। गोद में छोटा बच्चा लेने वाली तथा गर्भवती महिला को लोग ज्यादा भीख देते हैं। सर्वे में एक ऐसी महिला भिखारी मिली जिसके पहले से छह बच्चे हैं। वह इन दिनों गर्भवती है। पूछने पर उसने बताया कि गर्भवती होने पर भीख बहुत ज्यादा मिलती है।
इनकी कमाई 80 से 90 हजार हो जाती है।