प्रदेश की सबसे प्रतिष्ठित सम्मिलित राज्य प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) प्रारंभिक परीक्षा हर साल एक तिहाई से अधिक अभ्यर्थी छोड़ देते हैं। ऐसे समय में जब पेपर लीक रोकने के लिए सख्त हुए नियमों के कारण उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पीसीएस 2024 में आवेदन करने वाले 5,76,154 अभ्यर्थियों की प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने पर विचार कर रहा है, यदि परीक्षा में शामिल होने वाले वास्तविक अभ्यर्थी ही आवेदन करें तो शायद एक हद तक इस बड़ी समस्या का समाधान स्वत हो सकता है।
वर्ष पंजीकृत सम्मिलित उपस्थिति प्रतिशत में
● 2023 5,65,459 3,45,022 61.01
● 2022 6,02,974 3,29,310 54.61
● 2021 6,91,173 3,21,273 46.48
● 2020 5,95,696 3,14,699 52.82
● 2019 5,44,664 3,18,147 58.41
● 2018 6,35,844 3,98,630 62.69
2021 में आधे से अधिक गैरहाजिर
वर्ष 2018 से 2023 तक की पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा में एक तिहाई से अधिक अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे हैं। 2021 में तो आवेदन करने वाले 6,91,173 अभ्यर्थियों में से आधे से अधिक 3,69,900 (53.51 प्रतिशत) परीक्षा देने नहीं पहुंचे। पीसीएस 2020 में भी आवेदन करने वाले 5,95,696 अभ्यर्थियों में से लगभग आधे 3,14,699 (52.82 फीसदी) ही उपस्थित रहे।
ऐसा हो तो आयोग कम संसाधन और कम खर्च में ज्यादा पारदर्शी परीक्षा कराने में सफल होगा। कल्याणकारी राज्य की परिकल्पना को ध्यान में रखते हुए आयोग ने आवेदन फीस अधिकतम 225 रुपये रखी है। इसका नतीजा है कि बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी भी आवेदन कर देते हैं जो परीक्षा को लेकर बहुत अधिक गंभीर नहीं होते। नतीजतन परीक्षा के दिन हजारों में नहीं लाखों में अभ्यर्थी अनुपस्थित हो जाते हैं।
वर्षवार पीसीएस में आवेदकों की संख्या