प्रयागराज। अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को पदोन्नत करने की तैयारी चल रही है। माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड के भंग होने के बाद से पदोन्नति प्रक्रिया ठप है। अब पदोन्नत करने के लिए संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) ने शासन से मार्गदर्शन मांगा है।
एडेड माध्यमिक विद्यालयों में पांच वर्ष की सेवा पर सहायक अध्यापकों को प्रवक्ता पद पर पदोन्नत किया जाता है। इसके लिए जरूरी है कि उस विद्यालय में प्रवक्ता का पद खाली हो। इसमें पदोन्नति मिलने पर स्थानांतरण का प्रावधान नहीं है।
पहले जिला विद्यालय निरीक्षक स्तर से पदोन्नति होती थी। बाद में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड
का गठन किया गया। चयन बोर्ड के अधिनियम 1982 के अंतर्गत धारा 11 में यह प्रावधान था कि संयुक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता वाली कमेटी पदोन्नति करेगी।
वर्षों से यह प्रक्रिया चल रही थी। 2022 में चयन बोर्ड भंग करके राज्य शिक्षा सेवा चयन आयोग का गठन हुआ। उसके बाद से अधिनियम भी निष्प्रभावी हो गया। इसलिए संयुक्त शिक्षा निदेशक स्तर से पदोन्नति रुक गई।
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मंडल भर में करीब दो सौ सहायक अध्यापक पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं। शिक्षकों ने जेडी आरएन विश्वकर्मा से पदोन्नति की मांग की थी। जेडी ने पदोन्नति के लिए शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव से मार्गदर्शन मांगा है। आसार है कि
कुछ दिनों में इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। मार्गदर्शन मिलने के बाद प्रदेशभर में पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
नए आयोग में जोड़ी जाएं दो धाराएं
चयन बोर्ड खत्म होने के बाद राज्य शिक्षा सेवा आयोग बना तो पदोन्नति रुकने के अलावा पूर्व की दो धाराओं को भी हटा दिया गया है। इससे शिक्षक परेशान हैं। शिक्षक नेता हरि प्रकाश यादव ने बताया कि चयन बोर्ड में शिक्षा सुरक्षा की धारा 21 थी। इसके अंतर्गत अगर शिक्षक को मैनेजर बर्खास्त करते तो वह चयन बोर्ड में अपील करते थे। बिना चयन बोर्ड की अनुमति से बर्खास्त नहीं कर पाते थे। ऐसे ही धारा 18 के अंतर्गत प्रधानाचार्य पद का अधियाचन जाने के बाद से जो कार्यवाहक रहते थे उनको प्रधानाचार्य का वेतन मिलता था लेकिन अब ऐसा नहीं है।