लखनऊ। यूपी के निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस पांच हजार से चार लाख रुपये तक बढ़ गई है। दाखिला लेने वाले छात्रों को यह फीस एकमुश्त या चार किश्तों में जमा करनी होगी। इसके लिए कॉलेज विलंब शुल्क या ब्याज नहीं लेगा। इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।
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जुलाई में यूपी अनएडेड मेडिकल एंड एलाइड साइंस कॉलेज वेलफेयर एसोसिएशन ने फीस मामले में हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद कमेटी बनी और फिर फीस निर्धारण किया गया है। अब एमबीबीएस की एक साल की फीस 11 लाख से 16.48
हॉस्टल फीस में भी हुई बढ़ोतरी
लाख के बीच हो गई है। पांच कॉलेजों में एमबीबीएस की फीस में बढ़ोतरी की गई है। इसमें श्री राममूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बरेली की फीस 2.74 लाख, हिंद इंस्टीट्यूट बाराबंकी की चार लाख, मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज की एक लाख, रामा मेडिकल कॉलेज एंड हास्पिटल कानपुर
की पांच हजार, राजश्री मेडिकल कॉलेज बरेली की ढाई लाख फीस बढ़ाई गई है। अब बीडीएस की एक साल की फीस 2.93 लाख से 4.10 लाख तक हो गई है। बीडीएस में आईटीएस डेंटल कॉलेज गाजियाबाद की 24 हजार रुपये फीस बढ़ाई गई है। एमडी/एमएस की फीस भी 4 लाख रुपये से अधिक बढ़ी है।
निजी मेडिकल कॉलेजों के हॉस्टल फीस में भी बढ़ोतरी की गई है। एमबीबीएस छात्रों के लिए नॉन एसी कमरे की फीस 1.50 लाख से बढ़कर 1.65 लाख, एसी की 1.75 लाख से बढ़कर 1.92 लाख हो गई है। विविध शुल्क 90 हजार से बढ़ाकर 94 हजार कर दी गई है। बीडीएस छात्रों के लिए नॉन एसी की 85 हजार से 93.50 हजार, एसी की 1.05 लाख से 1.15 लाख प्रतिवर्ष और विविध शुल्क 40 से बढ़ाकर 44 हजार कर दिया गया है। एमडी/एमस छात्रों की नॉन एसी सिंगल की फीस 2.50 लाख से 2.75 लाख, एसी डबल एक्यूपेंसी की 2.10 लाख से बढ़ाकर 2.31 लाख कर दी गई है।