ध्यान दें: जब आप ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म जैसे फ्लिपकार्ट, अमेज़न या अन्य कोरियर सेवाओं का उपयोग करते हैं, तो आपका पर्सनल डाटा, जैसे आपका नाम, पता, और फोन नंबर, कंपनियों के सर्वर पर स्टोर होता है। कभी-कभी सुरक्षा में कमी या डाटा लीक के कारण यह जानकारी गलत हाथों में जा सकती है। ऐसे में साइबर अपराधी (हैकर्स) आपकी जानकारी का दुरुपयोग करते हैं।
धोखेबाज़ आपकी जानकारी का इस्तेमाल करके आपको कॉल कर सकते हैं और दावा कर सकते हैं कि आपका कोई कोरियर संदिग्ध वस्तुओं जैसे कि क्रेडिट कार्ड, पासपोर्ट, या ड्रग्स से भरा हुआ है। वे आपको डराने की कोशिश करेंगे और कहेंगे कि यह गंभीर मामला है, जिसे हल करने के लिए आपको तुरंत कार्रवाई करनी होगी।
ये अपराधी आपसे निम्नलिखित बातें करवा सकते हैं:
1. *साइबर सेल में शिकायत दर्ज करने का दबाव*: वे आपको बताएंगे कि आपको साइबर क्राइम सेल में जाकर शिकायत करनी चाहिए ताकि मामले को हल किया जा सके।
2. *वीडियो कॉल के ज़रिए KYC अपडेट करने की मांग*: वे आपको कह सकते हैं कि आपकी पहचान सत्यापित (KYC) नहीं है और इसे तुरंत अपडेट करना होगा। इसके लिए वे आपको वीडियो कॉल पर लाने की कोशिश करेंगे, जहां वे आपके पर्सनल डिटेल्स मांग सकते हैं, जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, या अन्य संवेदनशील जानकारी।
3. *पेनल्टी के चार्ज वसूलने की कोशिश*: अपराधी यह भी कह सकते हैं कि आपको किसी गलती के कारण पेनल्टी का भुगतान करना होगा और तुरंत पैसे ट्रांसफर करने के लिए दबाव डालेंगे।
इन सब तरीकों से वे आपकी वित्तीय जानकारी, बैंक डिटेल्स, और अन्य संवेदनशील डेटा चुराकर आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इस तरह के धोखाधड़ी से बचने के कुछ उपाय:
1. *संदिग्ध कॉल्स से सावधान रहें*: अगर आपको कोई कॉल आता है जिसमें आपके पार्सल के बारे में अजीब दावा किया जाता है, तो उस पर तुरंत विश्वास न करें।
2. *किसी भी वीडियो कॉल या केवाईसी अपडेट के लिए कॉल पर जानकारी न दें*। केवाईसी प्रक्रिया केवल आधिकारिक बैंकों और सत्यापित प्लेटफॉर्म्स पर की जानी चाहिए।
3. *पेनल्टी या चार्ज की मांग पर कोई भुगतान न करें*। किसी भी कानूनी प्रक्रिया में सीधे पैसे मांगना असामान्य है।
4. *किसी अनजान नंबर से आने वाली जानकारी को सत्यापित करें*: हमेशा कॉल करने वाले की पहचान की पुष्टि करें और अनजान स्रोतों से जानकारी साझा करने से बचें।
अगर आपको ऐसा कोई कॉल आता है, तो तुरंत अपनी नजदीकी साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें और मामले की जानकारी दें ताकि आप धोखाधड़ी का शिकार न बनें। सतर्क रहना ही बचाव है।