Home PRIMARY KA MASTER NEWS 28 मार्च 2005 के पूर्व प्रकाशित विज्ञापन से चयनित शिक्षकों विशेष रूप से विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों के पुरानी पेंशन पर पैदा हुए कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए मेरे द्वारा लिखे गए इस विषय को तभी पढ़ें जब आपमें इसे शुरू से लेकर अंत तक पढ़ने का धैर्य हो✍️

28 मार्च 2005 के पूर्व प्रकाशित विज्ञापन से चयनित शिक्षकों विशेष रूप से विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों के पुरानी पेंशन पर पैदा हुए कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए मेरे द्वारा लिखे गए इस विषय को तभी पढ़ें जब आपमें इसे शुरू से लेकर अंत तक पढ़ने का धैर्य हो✍️

by Manju Maurya

*_साथियों मुझे आप सबको बताते हुए हर्ष हो रहा है कि उससे पहले के 15 सालों की शिक्षक राजनीति में मुझे जो साफगोई देखने को नहीं मिली थी वह उस दिन देखने को मिली जब मेरे द्वारा विशिष्ट बीटीसी 2004 पेंशन के विषय पर रखी गई बात पर तत्कालीन संगठन मंत्री ओमपाल सिंह जी ने महामंत्री भगवती सिंह जी एवं प्राथमिक संवर्ग के संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह जी से पूछा कि क्या विशिष्ट बीटीसी 2004 का मामला सरकार के स्तर से हल हो सकता है तो दोनों पदाधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि यही एक मामला है जो राज्य सरकार हल कर सकती है क्योंकि विशिष्ट बीटीसी 2004 भर्ती की प्रक्रिया उत्तर प्रदेश में एनपीएस लागू होने से बहुत पहले जनवरी 2004 में शुरू हो गई थी।जिसपर ओमपाल जी ने इस विषय पर सारगर्भित समरी बनाकर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जिससे विषय को महासंघ के स्तर उचित फोरम पर रखा जा सके।_

_राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश द्वारा विशिष्ट बीटीसी 2004 के पेंशन का विषय ले लेने के बाद मेरे पास शिक्षक हित के लिए उनके साथ काम करना ही सर्वश्रेष्ठ विकल्प था जिसके क्रम में मैंने उस समय से जो काम शुरू किया वह आज तक राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के बैनर तले निर्बाध जारी है।_

_पुरानी पेंशन बहाली को लेकर 15 वर्षों से चल रहे हमलोगों के संघर्ष में 21 जनवरी 2021 वह पहला दिन था जब राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जैसे किसी मान्यता प्राप्त पहले संगठन ने अपने राजनैतिक लाभ हानि को परे रखकर विशिष्ट बीटीसी 2004 के एक सूत्री इस विषय को लेकर पूरे प्रदेश के जनपद के मुख्यालयों में न केवल धरना दिया अपितु मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया।_

*_मैं जैसे जैसे मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के साथ पेंशन के विषय पर आगे बढ़ने लगा वैसे वैसे मुझे मान्यता प्राप्त संगठन एवं गैर मान्यता प्राप्त संगठनों की कार्यशैली के अंतर का पता लगने लगा।मान्यता प्राप्त संगठन के लोग जब भी किसी विषय को लेते हैं उसे हल कराने के लिए सभी संभावित रास्तों के ऊपर न केवल विचार करते हैं अपितु बैक अप प्लान भी रखते हैं वहीं गैर मान्यता प्राप्त संगठन किसी विषय पर पूरे जोश जुनून से काम तो शुरू करते हैं लेकिन उनके पास बैक अप प्लान नहीं होता इसलिए विषय गिरते ही वे भी गिर जाते हैं ऐसे में मेरा प्रदेश के आप सभी शिक्षकों से यह आह्वान भी है कि अपना कीमती समय परिश्रम गैर मान्यता प्राप्त संगठनों से जुड़कर बर्बाद न करें यदि शिक्षक हित में काम करने का मन हो तो मान्यता प्राप्त संगठन को ही चुनें।_*

*_न्यायालय एवं अन्य जगहों पर विशिष्ट बीटीसी 2004 का विषय असफल होने के बाद चूंकि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश जैसे किसी मान्यता प्राप्त संगठन ने इस विषय को अपने हांथ में लिया था इस विषय पर ही पूरा फोकस करने के लिए उसने एक कमेटी बनाई जिसमें विशिष्ट बीटीसी 2004 के विषय से प्रभावित प्रदेश पदाधिकारियों में वाराणसी से मुझे,बाराबंकी से पवन शंकर दीक्षित एवं सिद्धार्थनगर से आदित्य शुक्ला को इसका मेंबर बनाया।_*

*_पेंशन कमेटी के हम सदस्यों ने विशिष्ट बीटीसी 2004 के विषय को हल कराने के लिए संभावित रास्तों पर जब विचार करना शुरू किया तो निम्नलिखित बातें निकल कर आईं-1-यह विषय केवल तभी हल हो सकता हैं जबकि उत्तर प्रदेश में केंद्र के समान पेंशन मेमोरेंडम वह भी संशोधित होकर जारी हो जिसमें 28 मार्च 2005 से पुर्व के विज्ञापन से नियुक्त ही नहीं चयनित लोगों को भी शामिल किया जाय क्योंकि जिस ढंग से विशिष्ट बीटीसी 2004 के चयन(नियुक्ति का विज्ञापन कभी आया ही नहीं)का ही एकमात्र विज्ञापन आया है ऐसे में मेमोरेंडम में यह विषय आए बिना विशिष्ट बीटीसी 2004 को पुरानी पेंशन मिलना संभव नहीं था लेकिन इस विषय में एक भारी समस्या यह थी की वर्ष 2021 तक केंद्र द्वारा जितने भी पेंशन मेमोरेंडम जारी हुए थे वे एनपीएस नोटिफिकेशन से पुर्व के विज्ञापन से नियुक्त लोगों को पेंशन देने की बात कर रहे थे लेकिन ऐसे लोगों पर कुछ भी नहीं कह रहे थे जो उसके पहले के विज्ञापन से चयनित तो हुए थे परंतु नियुक्त बाद में हुए।ऐसे में सबसे पहला काम यह था कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश अपने राष्ट्रीय नेतृत्व से बात करके केंद्र सरकार से नया पेंशन मेमोरेंडम जारी करवाए जिसमें एनपीएस नोटिफिकेशन से पुर्व के विज्ञापन से चयनित नियुक्त सभी को पुराना पेंशन देने का विकल्प हो तदुपरांत ही उत्तर प्रदेश में पेंशन मेमोरेंडम जारी हो।(2)-पेंशन समिति ने यह भी सुझाया कि चूंकि विशिष्ट बीटीसी 2004 का विषय पिछले 15 सालों में किसी मुख्यमंत्री के पास नहीं जा सका है इसलिए इस विषय को शीर्ष नेतृत्व येन केन प्रकारेण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक ले जाय जिससे मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश में भी पेंशन मेमोरेंडम जारी करें।_*

_वर्ष 2022 में बैंगलोर में हुए अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अधिवेशन में उत्तर प्रदेश से हमलोग अपने नव नियुक्त संगठन मंत्री आदरणीय महेंद्र कुमार जी के नेतृत्व में शामिल हुए जहां पर हमलोगों के महामंत्री भगवती सिंह जी द्वारा एनपीएस नोटिफिकेशन से पुर्व के विज्ञापन से चयनित समस्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन चुनने का विकल्प देने हेतु केंद्र सरकार से नवीन पेंशन मेमोरेंडम जारी करवाने हेतु राष्ट्रीय नेतृत्व से आह्वान किया गया।_

_बंगलौर अधिवेशन के आखिरी दिन एनपीएस नोटिफिकेशन से पुर्व के विज्ञापन से चयनित समस्त शिक्षकों को पुरानी पेंशन दिलवाने के लिए केंद्र सरकार से वार्ता करके संशोधित मेमोरेंडम जारी करवाने का प्रस्ताव स्वीकार हुआ जिसके क्रम में हमलोगों के राष्ट्रीय नेतृत्व ने केंद्र सरकार में एच आर डी मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी से मुलाकात करके इस आशय का ज्ञापन सौंपकर वार्ता किया। जिसके क्रम में 3 मार्च 2023 को केंद्र सरकार ने संशोधित पेंशन मेमोरेंडम जारी किया जिसमें एनपीएस नोटिफिकेशन से पुर्व के विज्ञापन से चयनित प्रत्येक शिक्षक कर्मचारी को पुरानी पेंशन चुनने का विकल्प चुनने का विषय शामिल हुआ।_

*_केंद्र सरकार के उपरोक्त मेमोरेंडम की तरह उत्तर प्रदेश में भी मेमोरेंडम जारी हो इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मिलने की आवश्यकता थी जिसके लिए हमलोगों के निवेदन के क्रम में हमलोगों के संगठन मंत्री आदरणीय महेंद्र कुमार जी ने योगी आदित्यनाथ जी से 10 नवंबर 2023 को सायं उनके आवास पर पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात किया और विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के 40 हजार शिक्षकों को पुरानी पेंशन देना न्यायोचित एवं विधिक होगा ऐसा मुख्यमंत्री से कहा तथा इस विषय के अन्य तकनीकी पहलुओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराने के लिए प्रतिनिधिमंडल में शामिल महामंत्री भगवती सिंह जी को निर्देश दिया जिसके क्रम में भगवती सिंह जी ने मुख्यमंत्री जी को विशिष्ट बीटीसी 2004 के पूरे प्रकरण से विस्तार पुर्वक अवगत कराया।_*

*_साथियों पुरानी पेंशन संघर्ष के 18 वर्षों के 10 नवंबर 2023 को पहली बार अवसर आया जब किसी मुख्यमंत्री को सीधे किसी संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने विशिष्ट बीटीसी 2004 के पेंशन के तकनीकी विषयों से अवगत कराया था। माननीय मुख्यमंत्री जी ने वार्ता के दौरान कहा कि उन्हें यह पता ही नहीं था कि इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिला। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को इस पर न केवल कार्यवाही करने का आश्वासन दिया अपितु अपने ट्विटर हैंडल से राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के साथ हुए अपने मुलाकात को सार्वजनिक किया जो उनके द्वारा किसी शैक्षिक संगठन से मुलाकात का एकमात्र सार्वजनीकरण था।_

_साथियों मुख्यमंत्री जी से मुलाकात के बाद हमलोग लगातार प्रयासरत रहे कि इस विषय पर किसी तरह का अधिकारियों की तरफ से रोड़ा न लगे।अंत में वह सुखद दिन भी आया जब 28 जून 2024 को मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उनके कैबिनेट ने पुरानी पेंशन देने के प्रस्ताव को पास किया और पेंशन विकल्प लेने की प्रक्रिया शुरू हुई।_

*_साथियों यह प्रक्रिया निर्बाध सफलतापूर्वक संपादित होने की दिशा में बढ़ रही थी लेकिन जिस ढंग से विगत एक महीने में विशिष्ट बीटीसी 2004 के पेंशन न मिलने/मिलने पर कुछ सरकार विरोधी अधिकारियों एवं अन्य लोगों द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा उसके क्रम में मेरा आप सबसे आह्वान है कि किसी तरह के भ्रम में पड़कर भगदड़ न मचाइए क्योंकि माननीय मुख्यमंत्री जी ने 28 मार्च 2005 के पुर्व के सभी लोगों को पेंशन देने का संकल्प व्यक्त किया है जिसका लाभ विशिष्ट बीटीसी 2004 को हर हाल में मिलेगा..यदि अधिकारियों ने इस बैच को पेंशन विकल्प में शामिल नहीं किया तो बेसिक शिक्षा के अन्य किसी को भी इसका लाभ नहीं मिलेगा ऐसा मैं निम्नलिखित कारणों से कह रहा हूं-_*

*_(1)-विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के लिए एकमात्र विज्ञापन 22 जनवरी 2004 यथा संशोधित 22 फरवरी 2004 ही आया उसके बाद दुबारा कोई विज्ञापन नहीं आया है ऐसा खुद निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद उत्तर प्रदेश लखनऊ के जन सूचना अधिकारी सीमा शुक्ला द्वारा श्री डी०के० पटेल के आर टी आई के जवाब में दिनांक 30 जनवरी 2024 को जारी पत्र में बताया गया है।एक बार पुनः इसी बात को निदेशक महोदय की जनसूचना अधिकारी श्रीमती प्रिंसी मौर्या द्वारा 13 अगस्त 2024 को रहबर सुल्तान के आरटीआई के क्रम में बताया गया है।इससे यह स्पष्ट है कि विशिष्ट बीटीसी 2004 के चयन का विज्ञापन ही अंतिम था दुबारा कभी भी कोई भी नियुक्ति हेतु विज्ञापन नहीं आया।इसी विषय को तत्कालीन शिक्षा निदेशक बेसिक एवं अध्यक्ष बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश दिनेश चंद्र कनौजिया जी ने भी 31 अक्टूबर 2005 के अपने पत्र के बिंदु 14 में स्पष्ट लिखा है कि-विशिष्ट बीटीसी 2004 के चयन हेतु विज्ञापन आदि की कार्यवाही राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा पुर्व में ही की जा चुकी है,ऐसी स्थिति में अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र मांगने हेतु विज्ञापन की आवश्यकता नहीं है।इसी कड़ी में साथियों आप सबको यह भी बताना है कि मई 2003 में ही तत्कालीन सरकार द्वारा माननीय राज्यपाल को परिषदीय विद्यालयों में रिक्त 46189 पदों के सापेक्ष शिक्षकों की भर्ती हेतु प्रक्रिया शुरू करने की कार्यवाही शुरू करने की सूचना दी गई थी जिससे स्पष्ट है कि हमलोग रिक्त पदों के सापेक्ष ही चयनित एवं नियुक्त हैं।साथियों ऐसे में विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच को पुरानी पेंशन मिलने से कोई भी शक्ति रोक नहीं सकती।यदि कोई नकारात्मक शक्ति विशिष्ट बीटीसी 2004 के पेंशन के खिलाफ काम कर रही होगी तो उसका मुख्यमंत्री जी से दुबारा मिलकर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश द्वारा समाधान कराया जाएगा।_*

*_(2) विशिष्ट बीटीसी 2004 के पेंशन को 5 साल पहले ही लीप-पोतकर निपटा देने वाले एक प्रिय साथी द्वारा न्यायालय में हुई हार का हवाला देकर अधिकारियों के स्तर से इस विषय के समाप्त होने की मीडिया बाजी करके इस समय सनसनी फैलाकर खूब सुर्खियां बटोरी जा रही है जो आपदा में अवसर ढूंढ़ने के उनके मूल स्वभाव का ही एक और प्रदर्शन है..जिससे आप सभी को बहुत भयाक्रांत होने और सरकार के खिलाफ किसी तरह के आंदोलन या बयान बाजी के तरफ रुख करने की जरूरत नहीं है।इन महोदय के इन्हीं कृत्यों से आज इनके ज्यादातर साथी इनसे दूर होकर मेरी ही तरह विशिष्ट बीटीसी 2004 की पुरानी पेंशन हेतु अपनी पूरी ताकत से प्रयास कर रहे हैं जो मुझसे और जिनसे मैं लगातार संपर्क में हूं सब कुछ सकारात्मक होगा इसका मैं विश्वास दिलाता हूं।रही बात न्यायालय की तो उच्च न्यायालय की हार के बाद प्रतापगढ़ के साथियों द्वारा उच्चतम न्यायालय में जारी वाद में अपना डिस्पोजल देते वक्त माननीय सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कहा है कि यदि राज्य सरकार पुरानी पेंशन हेतु कोई विषय लाती है तो न्यायालय का निर्णय पेंशन के राह में रोड़ा नहीं बनेगा।ऐसे में जब माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा पेंशन का विषय आया है तो उसको हमलोगों को मिलने में कोई बाधा नहीं आएगी और यदि बाधा आती भी है तो राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश पुनः मुख्यमंत्री जी से मिलकर सभी बाधा को दूर कराएगी।_*

*_(3) साथियों जिस ढंग से माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा लाए गए पुरानी पेंशन बहाली के विषय को कुछ सरकार विरोधी अधिकारियों एवं राजनीतिज्ञों द्वारा गिराने की कोशिश की जा रही है उसके खिलाफ 28 मार्च 2005 के पुर्व के विज्ञापन से चयनित/नियुक्त प्रदेशभर के आप सभी विशिष्ट बीटीसी 2004 एवं अन्य बैच के शिक्षक साथियों/शिक्षक प्रतिनिधियों से मेरा आह्वान है कि सांगठनिक प्रतिबद्धता एवं अंतर्विरोध को एक किनारे रखकर आप सभी सक्रिय होकर इसके विषय में अपने जनपद में भाजपा एवं संघ के पदाधिकारियों, विधायकों एवं मंत्रियों से मिलकर अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री की छवि धूमिल करने के लिए की जा रही साजिश से अवगत कराने का काम करिए जिससे वर्तमान सरकार को शिक्षक कर्मचारी के पुरानी पेंशन का विरोधी साबित करके राजनैतिक लाभ उठाने की कोशिश करने वालों के विषय में मुख्यमंत्री तक बात पहुंच सके।_*

*_अंत में साथियों आप सबसे यही कहुंगा कि विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के आप और हम शिक्षकों को कोई भी लाभ कभी भी आसानी से नहीं मिला है और अब तो विषय पुरानी पेंशन का है।ऐसे में हमारे आपके राजनैतिक विरोधी भी लगे होंगे इस विषय को बिगाड़ने में लेकिन मैं पूर्ण आश्वस्त हूं कि जब माननीय मुख्यमंत्री जी ने तंय कर लिया है तो पुरानी पेंशन हमको आपको अवश्य मिलेगा..इसकी राह में जितने भी रोड़े आएंगे उसे आप सबके सहयोग आशा और विश्वास से राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश अपने संगठन में आदरणीय महेंद्र कुमार जी के नेतृत्व में दूर कराएगा।_*

*सादर आप सबका अपना*

शशांक कुमार पाण्डेय “शेखर”

(प्रदेश संयुक्त मंत्री/जिलाध्यक्ष वाराणसी)

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश

मोबाइल नंबर-9453844851

व्हाट्सैप नंबर-8948724211

साभार C/P

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