प्रयागराज। शासन ने पीसीएस परीक्षा को विशिष्ट मानते हुए केंद्र निर्धारण प्रक्रिया में छूट दे दी है लेकिन आरओ/एआरओ परीक्षा को विशिष्टता की श्रेणी में नहीं रखा गया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण में चुनौती का सामना करना होगा।
पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए 5,76,154 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। इन अभ्यर्थियों की परीक्षा कराने के लिए आयोग को 1758 केंद्रों की आवश्यकता पड़ेगी। केंद्र निर्धारण प्रक्रिया में छूट
- अब जीएनएम में प्रवेश परीक्षा से होगा दाखिला
- बिना पद के ही जीआईसी में प्रवक्ता की हुई तैनाती
- आठवें वेतन आयोग की घोषणा नहीं हुई तो जनवरी से आंदोलन
- कक्षा दो के छात्र को पीटने वाले शिक्षक को तीन साल का कारावास, लगाया जुर्माना
- पछुआ चलते ही गिरा पारा, सर्दी ने दी दस्तक
मिलने से पहले आयोग ने सभी 75 जिलों केंद्र बनाने की कवायद की थी और शासन की ओर से निर्धारित मानक के अनुसार आयोग को 978 केंद्र ही सके थे, जिनमें 4,35,074 अभ्यर्थियों की परीक्षा ही कराई जा सकती थी।
शासन की ओर से जून-2024 में जारी गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया था कि पांच लाख से अधिक अभ्यर्थी होने पर परीक्षा एक से अधिक पालियों में कराई जाएगी।
हालांकि, पीसीएस परीक्षा को विशिष्ट मानते हुए इस अनिवार्यता से अलग रखा गया था लेकिन केंद्र निर्धारण की नीति को इतना सख्त कर दिया गया कि आयोग को पर्याप्त संख्या में केंद्र ही नहीं मिले और पीसीएस परीक्षा दो दिन में कराने का निर्णय लेना पड़ा।
अब अभ्यर्थियों के आंदोलन के बाद आयोग ने जब एक दिन में परीक्षा कराने का निर्णय लिया है तो पीसीएस परीक्षा को विशिष्ट मानते हुए केवल इसी परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण की नीति को शिथिल किया गया है और शहर से 10 किमी के दायरे से बाहर भी परीक्षा केंद्र बनाने की छूट दे दी गई है। ब्यूरो