अमरोहा। परिषदीय स्कूलों में
बच्चों को भाषा और गणित में निपुण बनाए जाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए शिक्षकों के साथ-साथ अब खंड शिक्षा अधिकारियों व संकुल शिक्षकों को भी स्कूलों को निपुण बनाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
- एक स्कूल ऐसा भी जहां, 61 बच्चों के सापेक्ष पूरे 61 बच्चे उपस्थित👌👌💐
- मानव संपदा पोर्टल पर दर्ज होगा शिक्षकों का ब्योरा
- Primary ka master: शिक्षिका की फेसबुक आईडी बना किया अश्लील पोस्ट, केस दर्ज
- Primary ka master: बिना अनुमति आठ दिन कनाडा घूमने गई शिक्षिका, कार्रवाई की मांग
- बेसिक शिक्षा उपनिदेशक ने निलंबित शिक्षिकाओं के दर्ज किए बयान
बच्चों के सीखने की क्षमता को आसान बनाने के लिए निपुण भारत मिशन के तहत छात्र छात्राओं को विषय सामग्री के जरिये शिक्षण कार्य कराया जाना है। बच्चों को निपुण बनाने के लिए लगातार अभ्यास भी कराया जा रहा है।
इसके लिए शिक्षकों को जिम्मेदारी दी गई है। न्याय पंचायत स्तर पर पांच-पांच शिक्षकों को संकुल शिक्षक बनाया गया है। इन्हें भी एक एक विद्यालय निपुण बनाने की जिम्मेदारी दी जा रही है। ताकि परिषदीय स्कूलों में प्री प्राइमरी से कक्षा दो तक के छात्र गणित और भाषा विषय में पढ़ाई में होशियार रहे।
जिले में 245 संकुल शिक्षक इसकी जिम्मेदारी निभाएंगे। बीईओ को एक-एक, एआरपी को दस व एसआरजी (स्पेशल रिसोर्स ग्रुप) को पांच स्कूलों की जिम्मेदारी दी गई है। जिला समन्वयक भी एक-एक स्कूल को निपुण बनाने की जिम्मेदारी लेंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. मोनिका ने बताया कि बच्चों को निपुण बनाने के लिए शिक्षकों के साथ-साथ बीईओ एवं संकुल शिक्षकों की भी जिम्मेदारी तय की गई है।