लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय व कस्तूरबा गांधी विद्यालयों का अब सोशल ऑडिट कराया जाएगा। इसके माध्यम से विद्यालयों की पढ़ाई से लेकर योजनाओं की जमीनी हकीकत तक परखी जाएगी। बेसिक शिक्षा विभाग प्रदेश के पांच प्रमुख विश्वविद्यालयों के सहयोग से यह सोशल ऑडिट कराएगा। इसकी संस्तुति के आधार पर वह आगे इसमें अपेक्षित सुधार का प्रयास भी करेगा।
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- वर्तमान में विभिन्न जनपदों में प्रेषित लिमिट , आदेश संख्या,संबंधित मद ,कंपोनेंट कोड, आदेश संख्या आदि कुछ लिमिट समस्त विद्यालयों में प्रेषित की गई हैं कुछ लिमिट सीमित संख्या में विद्यालयों में
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प्रदेश के 1.33 लाख परिषदीय विद्यालयों में मिड-डे-मील से लेकर पढ़ाई से जुड़ी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। वहीं बच्चों की उपस्थिति भी बढ़ाने के लिए कवायद की जा रही है। यह योजनाएं धरातल पर कितनी उतर पा रही हैं। योजनाओं का लाभ मिलने में बच्चों को क्या दिक्कत आ रही है। विद्यालयों में पढ़ाई का क्या स्तर है। बच्चों से किसी तरह का भेदभाव तो नहीं हो रहा,
पढ़ाई की स्थिति, उपस्थिति और संसाधन का जानेंगे हाल
पांच विवि के सहयोग से कराया जाएगा यह ऑडिट
जैसी चीजों की जमीनी हकीकत इसके माध्यम से परखा जाएगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया है कि लखनऊ विवि, पं. दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विवि महामना मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विवि गोरखपुर, स्वामी विवेकानंद सुभारती विवि मेरठ व इंटीग्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ के विशेषज्ञ इस सोशल ऑडिट में शामिल होंगे। कुल विद्यालयों का 20 फीसदी (लगभग 27000) विद्यालयों का सोशल ऑडिट कराया जाएगा। उन्होंने सभी बीएसए को इसमें सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। ब्यूरो