संतकबीरनगर। परिषदीय विद्यालयों में भेजे गए कंपोजिट ग्रांट का रिकार्ड न देने पर जिले के सभी बीईओ और 116 हेडमास्टर का वेतन रोक दिया गया है। बीएसए ने इनसे 15 अक्तूबर तक जवाब मांगा है। संतोषजनक जवाब न देने पर विभागीय कार्रवाई की बात कही है।
- APAAR पर RTI का आया यह जवाब
- रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के अन्तर्गत उच्च प्राथमिक एवं कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों को प्रशिक्षण प्रदान करने के संबंध में
- Primary ka master: गणतंत्र दिवस समारोह मनाए जाने के संबंध में।
- 8वें वेतन आयोग : जानें केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का फॉर्मूला और पूरी जानकारी
- UPPCL: यूपी में बिजली की नई दरों का प्रस्ताव: सुबह होगी सस्ती, रात में पड़ेगी भारी, उपभोक्ताओं की बढ़ेगी चिंता
बीएसए अमित कुमार सिंह ने बताया कि समग्र शिक्षा के तहत स्कूलों में विकास से संबंधित कंपोजिट ग्रांट के तहत रकम भेजी गई थी। विद्यालयों पर क्या कार्य हुए और उसमें कितनी धनराशि खर्च हुई। इसका कोई भी ब्योरा नहीं दिया गया। जबकि धनराशि विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में भेजी गई थी। प्रधानाचार्यों ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई। यह भी आदेश दिया गया था कि कंपोजिट ग्रांट के तहत हुए खर्च का ब्याेरा पोर्टल पर अपलोड किया जाना था, लेकिन 116 विद्यालयों ने अपलोड नहीं किया। इसमें खलीलाबाद ब्लॉक के 52, मेंहदावल ब्लॉक के सात, नाथनगर ब्लॉक के 23, बेलहर कला के 11, सेमरियावां के दो, सांथा के दो, पौली के चार, बघौली के छह और हैंसर बाजार के नौ विद्यालय शामिल है।
इन सभी विद्यालयों के हेडमास्टर का वेतन अग्रिम आदेश तक रोक दिया गया है। इसके साथ ही संबंधित बीईओ का भी वेतन रोका गया है। 15 अक्तूबर तक जवाब मांगा गया है। संतोष जनक जवाब न मिलने पर आगे की विभागीय कार्रवाई की जाएगी।