अमेठी सिटी। निपुण मूल्यांकन परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन के लिए जिला स्तर पर तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है। परीक्षा से पहले बुधवार छह नवंबर को मॉक टेस्ट के दौरान पूरी सख्ती बरती जाएगी। इस दौरान एसडीएम, बीडीओ सहित अन्य कई अधिकारियों की ड्यूटी स्कूलों के निरीक्षण के लिए लगाई गई है।
परिषदीय स्कूलों निपुण मूल्यांकन से पहले विद्यालयों नवंबर को में होगा मॉक टेस्ट
जिले में में 18 व 19 प्रस्तावित निपुण मूल्यांकन टेस्ट से पहले मॉक टेस्ट बुधवार को होगा, जो कि परीक्षा से पहले होने वाला अभ्यास है। जिसके माध्यम से जिला प्रशासन, शिक्षक व विद्यार्थी सभी यह जान सकेंगे कि वह तैयारी में कितने पीछे हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग में प्रशिक्षण पटल के जिला समन्वयक अभिनव पांडेय ने ताया कि सीडीओ सूरज पटेल के निर्देश पर तैयारियां की जा रही हैं। इसमें यह आदेश आया है कि बुधवार को परीक्षा के दौरान सभी सीडीपीओ, बीडीओ, नायब तहसीलदार, कृषि विभाग के एसडीओ, लघु सिंचाई व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के जेई, एडीओ व अन्य ब्लॉक स्तर के अधिकारी किसी एक विद्यालय में जाकर निरीक्षण करेंगे।
वहीं एसडीएम भी विद्यालय में जाकर निरीक्षण करेंगे। इसी के साथ बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय तिवारी पूरे आयोजन की जानकारी एकत्र करेंगे। परीक्षा में होने वाला खर्च का भुगतान विद्यालय प्रबंध समिति की ओर से किया जाएगा।
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बच्चों को घर जैसा माहौल देने की कवायद
अमेठी सिटी। स्कूलों में नया प्रवेश लेने वाले बच्चों के लिए स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। बच्चों की स्कूल गतिविधियों में रुचि पैदा करने के लिए सालभर के अकादमिक कैलेंडर बनाया गया है, जिसमें सभी प्राथमिक विद्यालयों में खेल-खेल में शिक्षा व बच्चों के लिए खुशहाल, भयमुक्त, प्रेरक माहौल तैयार करने पर जोर है। नई शिक्षा नीति के तहत प्री-प्राइमरी शिक्षा में स्कूल रेडीनेस या विद्यारंभ कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
बेसिक शिक्षा विभाग के जिला समन्वयक प्रशिक्षण अभिनव पांडेय ने बताया कि विद्यालय में प्रवेश लेने वाले नए बच्चों को घर जैसा माहौल देने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे उन्हें विद्यालय में रुचि पैदा हो। इसके लिए सालभर की विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का कैलेंडर बनाया गया है। जिसमें कक्षा एक से तीन तक के बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। स्कूल में बच्चों को वार्मअप गतिविधियों व मानसिक एवं भावनात्मक विकास की गतिविधियों में प्रार्थना सभा और खेलकूद शामिल हैं। कक्षाओं में हिदी, गणित और अन्य विषयों का अभ्यास भी बच्चों को कराया जाएगा। जिला समन्वयक ने बताया कि यह कार्यक्रम शिक्षा सत्र के शुरुआत के तीन माह के लिए विशेष रूप से है। वहीं वर्षभर इस संबंध में एक बेहतर माहौल देने का प्रयास किया जा रहा है। (संवाद)