छात्र आंदोलन के बाद पीसीएस- 2024 प्रारंभिक परीक्षा 22 दिसंबर को एक दिवस में कराने का निर्णय लेने के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) पहली बार उच्च शिक्षण संस्थानों में भी केंद्र बनाने जा रहा है। सख्त नियमों के कारण मानक पर केंद्र नहीं मिलने से आयोग ने केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालयों के अलावा तकनीकी संस्थान, मेडिकल कालेज व वित्त पोषित डिग्री कालेजों को भी केंद्र बनाने के लिए जिलाधिकारियों को बदली गाइडलाइन भेजकर केंद्रों की सहमति मांगी है। पत्र से स्पष्ट है कि आयोग प्रदेश के सभी 75 जिलों में परीक्षा का आयोजन कर सकता है।
परीक्षा अध्यादेश के तहत परीक्षा केंद्रों का चयन दो श्रेणियों में करने के निर्देश हैं। श्रेणी-ए में राजकीय माध्यमिक विद्यालय, राजकीय डिग्री कालेज, राज्य व केंद्र के विश्वविद्यालय, पालीटेक्निक, राजकीय इंजीनियरिंग कालेज और राजकीय मेडिकल कालेज शामिल हैं। वहीं, श्रेणी बी में ख्यातिप्राप्त वित्तपोषित शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं। आयोग ने पीसीएस प्रारंभिक
• पीसीएस प्री में 5,76,154 परीक्षार्थियों के लिए 1,758 केंद्रों की आवश्यकता
- छात्र-छात्राओं के समग्र प्रगति (रिपोर्ट कार्ड) तथा परीक्षा संबंधी प्राप्तांक का विवरण प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड किये जाने विषयक
- मानव सम्पदा पोर्टल के नवविकसित मॉड्यूल्स के सम्बन्ध में live यूट्यूब सेशन, देखें और समझें क्या हैं नए अपडेट
- सचिव महोदय के आदेश के अनुसार पूर्णांक 50 का होगा।, यानी
- कक्षावार परीक्षाएं व अंक विभाजन
- कक्षा -1,2,3,4,5,6,7,8 अर्द्धवार्षिक परीक्षा हेतु मौखिक प्रारूप , देखें और डाउनलोड करें
परीक्षा में पंजीकृत 5,76,154 परीक्षार्थियों की परीक्षा एक दिन में कराने के लिए 1,758 केंद्रों की आवश्यकता मानी है। हालांकि पूर्व में सभी 75 जिलों में तमाम प्रयासों के बाद भी मात्र 9,78 केंद्रों की ही सहमति मिली थी। ऐसे में आयोग को दो दिवसीय परीक्षा का निर्णय लेना पड़ा था। बाद में छात्रों के भारी विरोध के बाद एक दिवस में 22 दिसंबर को परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया। अब केंद्रों की जरूरत को पूरा करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को भी केंद्र बनाने के लिए संस्थानों से जिलाधिकारियों के माध्यम से सहमति ली जा रही है। 10 किलोमीटर की बाध्यता खत्म होने के बाद आयोग मुख्य मार्ग पर स्थित ए व बी श्रेणी वाले संस्थान भी केंद्र बन सकेंगे। शहर में परीक्षा केंद्रों की कमी से भी निपटा जा सकेगा। जिन संस्थानों की क्षमता 1000 से अधिक है, उन्हें दो ब्लाकों (ब्लाक-ए और ब्लाक-बी) में विभाजित कर प्रत्येक ब्लाक का अलग केंद्र व्यवस्थापक बनाया जाएगा। सीसीटीवी की पर्याप्त
व्यवस्था होगी। जिलाधिकारी के नेतृत्व में गठित समिति केंद्रों का चयन सुनिश्चित करेगी।
इवि, रावि, मुवि, एमएनएनआइटी- आइआइआइटी भी बनेंगे केंद्र: प्रयागराज
में इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इवि), प्रो. राजेंद्र सिंह रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय (रावि), राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय (मुवि), मेडिकल कालेज, एमएनएनआइटी, आइआइआइटी, आइईआरटी, इवि के संघटक कालेज, राज्य विश्वविद्यालय के शहर में स्थित संबद्ध कालेज मेडिकल कालेज सहित 26 संस्थानों से केंद्र के संबंध में सहमति मांगी गई है। आयोग की ओर से केंद्र निर्धारण को लेकर पत्र जारी होने के बाद जिला प्रशासन 80 केंद्रों पर परीक्षा आयोजन की तैयारी में है। हालांकि राहत यह है कि आयोग आरओ-एआरओ की परीक्षा 22 व 23 दिसंबर को कराने के लिए कई केंद्रों की सहमति पूर्व में ले चुका है। इसी कारण 22 दिसंबर को पीसीएस प्री की तिथि प्रस्तावित की, ताकि केंद्र निर्धारण नए सिरे से न करना पड़े। सिर्फ केंद्रों की संख्या बढ़ाने से काम आसान हो जाएगा। इलाहाबाद विश्वविद्यालय को पुलिस भर्ती परीक्षा में केंद्र बनाया गया था।