लखनऊ, । प्रदेश के 16 हजार से अधिक परिषदीय विद्यालयों का जल्द ही कायाकल्प किया जाएगा। सरकार ने इसके लिए कंपोजिट ग्रांट के रूप में मंगलवार को 185 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं।
सरकार के इस निर्णय से स्कूलों के जीर्ण-शीर्ण क्लासरूम, शौचालयों के अलावा बिजली के खराब उपकरण व फर्नीचर आदि जल्द बदले जा सकेंगे।
हालांकि सरकार ने फिलहाल 25 फीसदी ग्रांट जारी किया है शेष 75 प्रतिशत ग्रांट की राशि अगले वर्ष जारी की जाएगी लेकिन वर्तमान में जारी राशि से जर्जर भवन या खस्ताहाल फर्नीचर के लिए जद्दोजहद कर रहे स्कूलों को बड़ी राहत मिलेगी। विकास कार्यों के लिए धन की बाट जोह रहे परिषदीय स्कूलों के लिए अच्छी खबर है। सरकार ने 25 कंपोजिट ग्रांट जारी कर दी है। यह राशि जरूरतमंद चयनित स्कूलों के खाते में भेजी जाएगी।
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इससे चयनित स्कूलों में जर्जर भवनों के मरम्मत से लेकर भवनों की स्वच्छता, रंगाई-पुताई सहित फर्नीचर आदि के मरम्मत के कार्य हो सकेंगे। इसके अलावा मरम्मत के कार्य हो सकेंगे। साथ ही क्लास रूम में ब्लैक बोर्ड पर लिखने के लिए चाक से लेकर हाथ धोने के लिए साबुन, टॉयलेट क्लीनर इत्यादि स्कूलों की जरूरत की वस्तुएं खरीदे जा सकेंगे।
जानकारों के अनुसार कंपोजिट ग्रांट से 100 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को 25 हजार, 200 छात्र संख्या वाले स्कूलों को 50 हजार तथा 300 छात्र संख्या वाले स्कूलों को एक लाख रुपये की धनराशि दी जाएगी। कंपोजिट ग्राट से मिली राशि का इस्तेमाल स्कूलों को अगले वर्ष मार्च से पहले करना अनिवार्य होगा।
सरकार की ओर से परिषदीय स्कूलों को कंपोजिट ग्रांट की राशि का आवंटन शुरू कर दिया गया है। जानकार बताते हैं कि कंपोजिट ग्रांट की 25 फीसदी राशि के खर्च होने के बाद शेष 75 फीसदी अगले वर्ष आवंटित किए जाने का अनुमान है। इस राशि का दस प्रतिशत हिस्सा स्वच्छता के कार्य पर खर्च करना होगा। बाकी से रंगाई पुताई, फर्स्ट एंड बाक्स, विद्युत उपकरण व मरम्मत के कार्य कराए जा सकेंगे।
दो सौ बच्चों वाले स्कूलों को मिलेंगे 50 हजार रुपये
जानकारों के अनुसार कंपोजिट ग्रांट से 100 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों को 25 हजार, 200 छात्र संख्या वाले स्कूलों को 50 हजार तथा 300 छात्र संख्या वाले स्कूलों को एक लाख रुपये की धनराशि दी जाएगी। कंपोजिट ग्राट से मिली राशि का इस्तेमाल स्कूलों को अगले वर्ष मार्च से पहले करना अनिवार्य होगा।