बदायूं जिले में सीजन का पहला कोहरा ही जानलेवा साबित हो रहा है। इस कोहरे में मंगलवार सुबह एक प्रभारी प्रधानाध्यापक की हादसे में जान चली गई। वह बाइक से विद्यालय जा रहे थे। अलापुर-उसावां मार्ग पर कुलचौरा गांव के पास विपरीत दिशा से आ रहे अज्ञात वाहन से उनकी टक्कर हो गई। एंबुलेंस से उन्हें जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हादसे की जानकारी पर बीएसए और तमाम शिक्षक जिला अस्पताल पहुंच गए।
मंगलवार को सुबह से ही घना कोहरा छाया हुआ था। 10 मीटर दूर का मार्ग भी ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था। उसावां क्षेत्र के गांव अजदरमई निवासी संतोष सिंह (50) शहर के मोहल्ला शिवपुरम में रह रहे थे।
विपरीत दिशा से आ रहे वाहन ने मारी टक्कर
अलापुर क्षेत्र के गांव विशनपुरी के संविलियन विद्यालय में वह प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात थे। मंगलवार सुबह आठ बजे घने कोहरे के बीच वह बाइक से अपने विद्यालय के लिए जा रहे थे। जैसे ही वह कुलचौरा गांव के पास पहुंचे तो उनकी बाइक विपरीत दिशा से आ रहे अज्ञात वाहन से टकरा गई।
हादसे में शिक्षक गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने शिक्षक को एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेज दिया। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शिक्षक की मौत से परिवार में कोहराम मच गया।
हादसे की जानकारी पर बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह व कई शिक्षक जिला अस्पताल पहुंच गए। सूचना पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया। शिक्षक के दो बेटे हैं। दोनों बेटे जिले से बाहर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। पिता की मौत की सूचना पर दोनों घर के लिए रवाना हो गए।
कोहरे में दी जाए सहूलियत
कोहरे में हुए हादसे में शिक्षक की मौत से साथियों में खासा आक्रोश है। शिक्षकों का कहना है कि सुबह स्कूल जल्दी पहुंचने के चक्कर में उनके साथी की जान गई है। इसको लेकर उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी बीएसए से मिले। उन्होंने कोहरे के दिनों में स्कूल देरी से पहुंचने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई न करने की मांग की।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय प्रचार मंत्री संजीव शर्मा मंगलवार को पदाधिकारियों के साथ बीएसए वीरेंद्र कुमार सिंह से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि शिक्षक पढ़ाने के साथ विभागीय काम कर रहे हैं। शिक्षकों को स्कूल पहुंचने में देर न हो जाए। इसको लेकर वह आपाधापी में रहते हैं। ताकि वह कार्रवाई की जद में न आ सकें। मंगलवार को स्कूल जल्दी पहुंचने के चक्कर में शिक्षक हादसे का शिकार हो गए और उनकी मृत्यु हो गई। शिक्षकों का कहना है कि थोड़ी बहुत देर होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई न की जाए।