लखनऊ :
परिषदीय प्री-प्राइमरी व प्राइमरी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों के निपुण लक्ष्य में बदलाव किया गया है। प्री-प्राइमरी से कक्षा दो तक के छात्रों को भाषा व गणित में दक्ष बनाने के लिए निपुण भारत मिशन चलाया जा रहा है। अब खेल आधारित शिक्षण गतिविधियों के माध्यम से ज्ञान देने पर पूरा जोर होगा। इसमें संज्ञानात्मक, भावात्मक और मनोप्रेरक क्षमताओं के विकास तथा प्रारंभिक साक्षरता, संख्या ज्ञान विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डा. एमकेएस सुंदरम की ओर से निपुण लक्ष्य में बदलाव किए जाने और उसी के अनुरूप आगे विद्यार्थियों की पढ़ाई कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं। वर्ष 2026-27 तक निपुण लक्ष्य पाने के लिए चलाए जा रहे निपुण भारत मिशन की निगरानी के लिए प्रदेश स्तर से लेकर ब्लाक स्तर तक स्टीयरिंग कमेटी गठित की गई है। 14 सदस्यीय राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित की गई है। इसमें प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, महानिदेशक स्कूल शिक्षा और बेसिक शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा निदेशक आदि शामिल हैं। ऐसे ही जिलाधिकारी की अध्यक्षता में 15 सदस्यीय जिला स्टीयरिंग कमेटी और खंड शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय ब्लाक स्टीयरिंग कमेटी
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प्री-प्राइमरी कक्षा के विद्यार्थी मानवे सहपाठियों व शिक्षकों से बातचीत, समझ व हाव-भाव के साथ तुकांत शब्द और कविताएं सुनाने, अक्षरों व संगत ध्वनियों को पहचानने, दो से तीन अक्षर वाले सरल शब्दों को पढ़ने व शून्य से नौ तक के अंक पढ़ने में सक्षम होने चाहिए। कक्षा एक के विद्यार्थी सहपाठियों व शिक्षकों से बातचीत के साथ प्रश्न करने में सक्षम हों, नए शब्द को पढ़ने के लिए संगत ध्वनियों का उपयोग करने में दक्ष हों, किसी भी पाठ के चार- पांच सरल शब्द पढ़ सकें व छोटे- छोटे वाक्य बनाना जानते हों, उन्हें 20 तक गिनती भी सिखाई जाएगी। वहीं कक्षा दो के छात्र 99 तक की गिनती, आयत, त्रिभुज, वृत्त आदि जैसे टू-डी आकृतियों की पहचान कर पाने में सक्षम होने के साथ 100 रुपये के प्रयोग से सरल लेन-देन करने में निपुण बनाए जाएंगे।