प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों की सुरक्षा और चाक-चौबंद की जाएगी। पहली बार मेडिकल कॉलेजों में हथियारबंद सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। बिना हथियार वाले सुरक्षा कर्मियों की संख्या भी करीब तीन गुनी करने की तैयारी है। प्रदेश के 28 स्वशासी मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों के इस प्रस्ताव पर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मुहर लगा दी है। निजी एजेंसियों की जगह सभी जगह सुरक्षा में अब पूर्व सैनिकों की तैनाती होगी। वहीं सुपरवाइजरों की संख्या भी चौगुनी हो जाएगी। कोलकाता के अस्पताल की घटना के साथ ही आए दिन मेडिकल कॉलेजों में बढ़ते मामलों को देखते हुए यह फैसला किया गया है। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों ने अपने हिसाब से निजी एजेंसियों के जरिए सुरक्षा प्रबंध कर रखे हैं। अभी हर स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय में 36-36 गैर हथियारबंद गार्ड और 3-3 सुपरवाइजरों के पद स्वीकृत हैं। शासन के निर्देशों के बाद चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय ने मेडिकल कॉलेजों में पुख्ता सुरक्षा इंतजामों को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों के संबंध में प्रस्ताव मांगा था।
इसमें कॉलेज कैंपस के साथ ही हेल्थकेयर सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किए जाने के निर्देश दिए गए थे। सभी 28 स्वशासी मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों ने हथियारबंद सुरक्षा कर्मियों की आवश्यकता बताते हुए अपनी जरूरत के हिसाब से उनकी डिमांड की है। कुल 643 हथियारबंद सुरक्षाकर्मी मांगे गए हैं।
डीजी ने दी स्वीकृति
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गैर हथियारबंद सुरक्षा कर्मियों की बात करें तो 28 कॉलेजों में इनकी स्वीकृत संख्या अभी 1008 है। मगर प्राचार्यों द्वारा भेजे गए नये प्रस्तावों में 2719 गैर हथियारबंद सुरक्षा कर्मियों की मांग की गई है जबकि सुपरवाइजरों की संख्या अभी 84 थी। नई मांग के हिसाब से यह आंकड़ा 237 हो गया है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग की महानिदेशक किंजल सिंह ने गत दिवस इस संबंध में आदेश जारी कर दिया। सभी प्रधानाचार्यों को अपनी जरूरत के हिसाब से सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं। उनसे कहा गया है कि सुरक्षा में अब केवल भूतपूर्व सैनिक ही तैनात किए जाएं। इन्हें भूतपूर्व सैनिक कल्याण निगम के जरिए रखा जाए। इसके लिए किसी टेंडर की जरूरत नहीं होगी।
मीरजापुर ने मांगे गार्ड
संवेदनशील जिलों के प्रधानाचार्यों ने अधिक संख्या में हथियारबंद सुरक्षा कर्मियों की डिमांड की है। सर्वाधिक 64 हथियारबंद गार्ड मीरजापुर के मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य ने मांगे हैं। लखीमपुर खीरी ने 48, हरदोई ने 40, एटा ने 38, देवरिया और कौशांबी ने 36-36 हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों की मांग की है।