जाति के भेदभाव के आरोप स्कूल के बच्चों ने नकारे
मैनपुरी, । कुरावली विकासखंड क्षेत्र के परिषदीय स्कूल में दलित छात्रों के साथ भेदभाव और मारपीट का मामला झूठा निकला। बीएसए ने मौके पर जाकर जांच की तो छात्रों ने भेदभाव न होने की जानकारी दी। लेकिन आरोपी शिक्षिका छात्रों से मारपीट की दोषी पायी गई। इसलिए बीएसए ने सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड शिक्षिका को ब्लाक संसाधन केंद्र कुरावली से संबद्ध किया गया है।
कंपोजिट विद्यालय रीछपुरा कुरावली की शिक्षिका अनीता गुप्ता की ग्रामीणों और अभिभावकों ने शिकायत की कि अनीता दलित समाज के बच्चों को पीटती हैं और उनके साथ जातिगत भेदभाव करती है। इस आशय का एक वीडियो भी सोशल मीडिया
पर वायरल हुआ। वायरल वीडियो और शिकायतों के आधार पर 20 दिसंबर की सुबह कंपोजिट विद्यालय रीछपुरा का बीएसए ने स्थलीय निरीक्षण किया। जांच के दौरान सहायक अध्यापिका शिवांगी मिश्रा मातृत्व अवकाश पर मिलीं। बीएसए दीपिका गुप्ता ने वायरल वीडियो के संबंध में बच्चों से पूछताछ की तो बच्चों ने जानकारी दी कि उनका आपस में झगड़ा हो गया था। जब मेडम को बताया तो उन्होंने पिटाई की। शिक्षिका के जातिगत भेदभाव के बारे में बच्चों ने कोई जानकारी नहीं दी। जिससे जातिगत भेदभाव के आरोपों की पुष्टि नहीं हो सकी
कुरावली बीआरसी पर शिक्षिका की गई संबंध
जाटव समाज के बच्चों को पीटे जाने की जांच में शिक्षिका ने जानकारी दी कि बच्चों में झगड़ा हुआ था। इसके लिए उन्हें दंडित किया गया और ये बच्चे एक ही जाति के थे। स्टाफ ने भी इस संबंध में जाति भेदभाव न होने की लिखित में बात कही। बीएसए ने बताया कि जो आरोप लगे थे उनकी पुष्टि नहीं हुई लेकिन बच्चों के साथ मारपीट गलत की गई। बच्चों को समझाया जा सकता था। शिक्षिका ने शासनादेश के विपरीत काम किया है। इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन्हें रीछपुरा से हटाकर ब्लाक संसाधन केंद्र कुरावली से संबद्ध कर दिया गया है।