लखनऊ, । प्रदेश में उच्च शिक्षा को आधुनिक और रोजगार परक बनाने के लिए यूपी अगले वर्ष जनवरी के अन्त में इंटरनेशनल कॉन्क्लेव आयोजित करेगा। कॉन्क्लेव में प्रदेश ही नहीं देश-विदेश के निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा।
निवेशकों से प्रदेश में निजी या पीपीपी मॉडल पर शिक्षण संस्थान खोलने के लिए अनुरोध भी किया जाएगा। निवेशकों से अपील की जाएगी कि वे अगर प्राथमिक से उच्च शिक्षा तक के संस्थान खोलने के इच्छुक हैं तो सरकार उन्हें विशेष सुविधाएं देगी।
यूपी को शिक्षा का हब बनाने के लिए सरकार शिक्षा क्षेत्र में निजी निवेशकों को लाना चाहती है। इसके लिए उन्हें आकर्षित करने के उद्देश्य से तमाम सुविधाएं देने के प्रस्ताव तैयार किए जा रहे हैं। शिक्षा नीति में बदलाव पर भी विचार किया जा रहा है ताकि निवेशक आसानी से शिक्षा के क्षेत्र में निवेश कर सकें। अधिकारियों की मानें तो पूर्व की औद्योगिक नीति में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने की व्यवस्था होती थी लेकिन अब इसे अलग से तैयार किया जा रहा है। कॉन्क्लेव में प्रदेश ही नहीं देश-विदेश के निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा। सरकार इसमें निवेशकों से युवाओं के कौशल विकास व उच्च शिक्षा देने के साथ ही उनको रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की अपेक्षाएं बताएगी। वहीं, निवेशकों से पूछेगी कि उनको सरकार से क्या उम्मीदें हैं। पीपीपी मॉडल पर शिक्षण संस्था खोलने के विकल्प पर भी चर्चा होगी। उच्च शिक्षा नीति में युवाओं को औद्योगिक जरूरतों के मुताबिक दक्ष करने पर जोर दिया जाएगा। जिससे प्रशिक्षित युवाओं को आसानी से रोजगार मिल सके। इसके लिए प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं को अवसर दिए जाएंगे।
● संस्थान खोलने पर निवेशकों को विशेष सुविधाएं मिलेंगी● कॉन्क्लेव में देश-विदेश के निवेशक आमंत्रित होंगे● कौशल विकास और उद्यम पर रहेगा खास जोर● जनवरी के अंत में अंतरराष्ट्रीय आयोजन की तैयारी है
विदेशी विश्वविद्यालयों को किया गया आमंत्रित
कॉन्क्लेव के लिए कई अन्तराष्ट्रीय विश्वविद्यालय से सम्पर्क किया जा रहा है। बताया जाता है कि करीब नौ विदेशी विश्वविद्यालयों ने न सिर्फ दिलचस्पी दिखाई है बल्कि एमओयू के लिए अपने प्रतिनिधि भेजने की स्वीकृति भी दे दी है। छात्रों को पढ़ाई के लिए एक-दूसरे के यहां भेजने के साथ ही विभिन्न विधाओं का भी प्रयास होगा।