नई दिल्ली, । आरबीआई के निवर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपना छह वर्ष का कार्यकाल मंगलवार को पूरा कर लिया। अपनी सेवानिवृत्ति के दिन पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आरबीआई के समक्ष मौजूद प्रमुख चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि महंगाई और आर्थिक वृद्धि के संतुलन को बहाल करना सबसे जरूरी काम है।
दास ने कहा कि नवनियुक्त आरबीआई गवर्नर को बदलती विश्व व्यवस्था को समझना होगा। साइबर खतरों से प्रभावी ढंग से निपटना होगा और नई प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित करना होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए गवर्नर संजय मल्होत्रा वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने के अलावा केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा और यूनिफाइड लेंडिंग इंटरफेस जैसी आरबीआई की पहल को आगे बढ़ाएंगे।
रेपो दर बात रखी दास ने कहा कि आर्थिक वृद्धि में नरमी के लिए सिर्फ रेपो दर नहीं, बल्कि कई अन्य कारक भी जिम्मेदार हैं। दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति ने लगातार 11 बार से रेपो दर में बदलाव नहीं किया है। इस पर उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थितियों तथा भविष्य के परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए मौद्रिक नीति को जितना संभव हो सके उतना उपयुक्त बनाने का प्रयास किया गया है।
अर्थव्यवस्था के लिए सर्वश्रेष्ठ करेंगे मल्होत्रा
आरबीआई के नवनियुक्त गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मंगलवार को कहा कि 11 दिसंबर को पदभार संभालने के बाद वह सभी नजरियों को समझने और अर्थव्यवस्था के लिए सर्वोत्तम काम करने की कोशिश करेंगे। किसी को भी सभी दृष्टिकोण समझने होंगे।