शामली : तीन साल पहले जिले के 25 शिक्षकों का एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) पद पर चयन किया गया था। चयनित शिक्षक अधिकारी की तरह कार्य करते थे और ब्लाक के 20 स्कूलों का निरीक्षण करते हुए बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का कार्य करते थे। इनमें 19 शिक्षक ऐसे हैं जो पिछले पांच वर्ष से एआरपी पद पर तैनात हैं। अब शासन के आदेश आने पर नए शिक्षकों को एआरपी बनने का मौका दिया जाएगा और अभी तक अधिकारी बनकर कार्य करने वाले सभी 19 शिक्षकों को उनके मूल विद्यालय में भेजा जाएगा। जहां वह केवल शैक्षिक कार्य ही करेंगे।
जिले में 596 परिषदीय विद्यालय हैं, जिनमें 70 हजार छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। बच्चों को निपुण बनाने के लिए प्रत्येक ब्लाक में पांच-पांच शिक्षकों को बतौर एआरपी नियुक्त किया जाता है। जिले में कई एआरपी ऐसे हैं जो पिछले पांच सालों से कार्य कर रहे थे। इनमें छह शिक्षक एआरपी का पद छोड़ चुके हैं। 19 अभी भी
कुछ पहले ही छोड़ चुके हैं पद
तीन महीने पहले शासन के आदेश आए थे कि अगले सत्र से सभी जिलों में नए एआरपी चयनित किए जाएंगे। अभी तक कार्य करने वाले एआरपी का नवीनीकरण नहीं होगा। आदेश जारी होते ही कुछ एआरपी ने अपने पद से त्यागपत्र देकर अपने मूल विद्यालय में वापसी करा ली थी, जबकि कुछ फिर से एआरपी बनने के जुगाड़ में लगे हैं। हालांकि स्पष्ट आदेश है कि किसी भी पुराने एआरपी को नहीं चुना जाएगा।
कार्य कर रहे हैं, लेकिन अब उन्हें चिंता सताने लगी है। बीएसए लता राठौर ने बताया कि जिले में 25 एआरपी के पद हैं। जल्द ही विज्ञापन जारी किया जाएगा। इसके बाद एआरपी पद को शिक्षकों को परीक्षा देनी होगी। शासन आदेश में अनुसार इस बार नए शिक्षक ही एआरपी के लिए आवेदन कर सकते है