बहराइच। तराई में जारी कड़ाके की ठंड को देखते हुए बीएसए आशीष कुमार सिंह ने कक्षा एक से आठ तक के सभी परिषदीय विद्यालयों में 18 जनवरी तक अवकाश घोषित किया है। इस दौरान बीएसए ने सभी प्रधानाध्यापकों, शिक्षकों, शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को ससमय विद्यालय खोलने व विभागीय कार्यों को संपादित करने आदेश दिया है लेकिन बीएसए के इस आदेश की बृहस्पतिवार को जमकर धज्जियां उड़ाई गईं। कई विद्यालयों में जहां प्रधानाध्यापक नदारद रहे तो कइयों में शिक्षामित्र व शिक्षक नहीं पहुंचे। प्रस्तुत है जितेंद्र दीक्षित की पड़ताल करती हुई एक रिपोर्ट….
सीन- 01, बलहा
प्रधानाध्यापक रहे नदारद
बलहा विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय मलंगपुरवा की पड़ताल की गई। पड़ताल में सहायक अध्यापक शाइस्ता शमीम, शिक्षामित्र शाहीन फातिमा व साधना वर्मा विद्यालय में मौजूद मिली। लेकिन प्रधानाध्यापक मनोज कुमार शुक्ला नदारद रहे। इस संबंध में जानकारी लेने पर मौजूद स्टॉफ कोई जवाब नहीं दे सका।
…..
सीन- 02, चर्दा
अनुपस्थित रहीं शिक्षामित्र
नवाबगंज विकासखंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय भगतापुर गुलरहिया की पड़ताल में प्रधानाध्यापक विजय कुमार मौजूद रहे और विभागीय कार्य करते दिखे। वहीं, सहायक अध्यापक अनूप कुमार, शिक्षामित्र शेषमणि पाठक भी मौजूद रहे लेकिन शिक्षामित्र लक्ष्मी देवी नदारद रही। प्रधानाध्यापक इस संबंध में कुछ भी बता नहीं सके।
……
सीन- 03, कैसरगंज
सिर्फ शिक्षामित्र रहे मौजूद
जरवल विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय सोनारी की पड़ताल में सिर्फ शिक्षामित्र निर्मल वर्मा उपस्थित रहे। वहीं प्रभारी शिक्षिका हिना रिजवी समेत अन्य कोई भी स्टॉफ मौजूद नहीं रहा। अनुपस्थित स्टाफ को लेकर जब शिक्षामित्र से जानकारी ली गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया।
सीन- 04, रिसिया
कहीं शिक्षक तो कहीं अनुदेशक गायब
रिसिया विकासखंड के शेखापुर जूनियर में सिर्फ प्रधानाध्यापक मनोज श्रीवास्तव व सहायक अध्यापिका मौजूद रही। वहीं गेड़ापुरवा व गुरुचाही में सिर्फ प्रधानाचार्य ही मौजूद रहे और अन्य कर्मी नदारद रहे। रायपुर कबूला उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य रामू लाल व सहायक अध्यापक मौजूद रहे।
सीन- 05, फखरपुर
निजी स्कूल भी उड़ाते रहे धज्जियां, ठिठुरते रहे बच्चे
फखरपुर विकासखंड में निजी स्कूल संचालकों ने भी बीएसए के आदेश को जमकर ठेंगा दिखाया। फखरपुर बाजार से कदियापुर जाने वाले मार्ग पर दर्जनों छोटे-छोटे बच्चे कड़ाके की ठंड के बीच ठिठुरते हुए स्कूल जाते दिखे। आलम यह रहा कि कई निजी स्कूल खुले रहे।