सुल्तानपुर। बेसिक शिक्षा विभाग में आउटसोर्स के जरिये एजुकेटर की भर्ती में 80 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक की उगाही की जानकारी सामने आई है। इसके बाद सीडीओ ने भर्ती निरस्त कर दी है। वहीं, बेसिक शिक्षा विभाग ने संबंधित फर्म के निदेशक और पंचायतीराज विभाग में तैनात सफाईकर्मी पर नगर कोतवाली में केस दर्ज कराया है। अब नए सिरे से भर्ती के लिए जेम पोर्टल के जरिये दूसरी फर्म का चयन किया जाएगा

- शिक्षकों के सामान्य तबादले का आदेश जारी, शिक्षक-छात्र अनुपात के आधार पर शुरू होगी प्रक्रिया
- शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण के सम्बन्ध में।
- लखनऊ-जनपद के अंदर ट्रांसफर वाले शिक्षक/शिक्षिका अपना सभी पत्रावली तैयार कर अपनी BRC पर प्रस्तुत करें।।
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प्राथमिक व जूनियर विद्यालय परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से एजुकेटर के 160 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जनवरी 2025 से शुरू की गई। नियुक्ति की जिम्मेदारी गोलाघाट की फर्म एलाक्षी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड को दी गई। इस बीच अफसरों के चहेते सफाईकर्मी विजयपाल सिंह की ओर से नियुक्ति के लिए आवेदकों से एक लाख रुपये तक मांगने की बात सामने आई। बता दें कि एजुकेटर का मानदेय 10 हजार रुपये है।
सीडीओ अंकुर कौशिक ने जानकारी मिलने पर पंचायतीराज विभाग के सफाईकर्मी विजयपाल सिंह के मोबाइल की खुद जांच कराई। इसमें फर्म के निदेशक पवन सिंह से बातचीत की दर्जनभर से अधिक रिकॉर्डिंग मिलीं। ऑडियो में आवेदकों से पैसे की मांग का जिक्र मिला।
इनके नाम पर मांगे जा रहे थे पैसे
जांच में पता चला कि बेसिक शिक्षा विभाग के जिला समन्वयक मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम इमरान व अन्य के नाम पर विजयपाल ने पैसे मांगे हैं। मंगलवार देर शाम विजयपाल व फर्म के निदेशक पवन सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। नगर कोतवाल नारद मुनि सिंह ने बताया कि जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।