नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मतदाता सूची के आंकड़ों में हेरफेर के आरोपों के बीच मतदाता पहचान पत्रों को आधार से जोड़ने के मुद्दे पर चर्चा के लिए केंद्रीय गृह सचिव और विधायी सचिव के साथ 18 मार्च को बैठक बुलाई है। बैठक में यूआईडीएआई के सीईओ भी शामिल होंगे। विभिन्न राज्यों में मतदाताओं को बांटे गए डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र संख्या के मामलों को उठाते हुए विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि चुनाव अधिकारी भाजपा की मदद के लिए मतदाता सूची में हेराफेरी कर रहे हैं।

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विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भी हाल ही में लोकसभा में यह मुद्दा उठाया था। डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र नंबर को विरासत का मामला बताते हुए चुनाव आयोग ने अगले तीन माह में इस मामले को निपटाने का आश्वासन दिया है। कहा कि डुप्लीकेट नंबर का मतलब यह नहीं है कि फर्जी मतदाता ही हों। कानून मतदाता पहचान पत्र को आधार डाटाबेस के साथ स्वैच्छिक रूप से जोड़ने की अनुमति देता है। सरकार ने संसद को बताया था कि आधार-मतदाता कार्ड जोड़ने का कार्य संचालित है और प्रस्तावित लिंकिंग के लिए समयसीमा नहीं दी गई है। जो लोग अपने आधार विवरण को मतदाता सूची
से नहीं जोड़ेंगे, उनके नाम मतदाता सूची
से नहीं काटे जाएंगे।