कार का इंश्योरेंस लेते वक्त करें बस ये काम, गाड़ी चोरी होने पर मिलेगी पूरी कीमत
कार इंश्योरेंस लेना सिर्फ कानूनी जरूरत नहीं, बल्कि आपकी गाड़ी को अनहोनी से बचाने का एक सुरक्षा कवच भी है। खासकर अगर गाड़ी चोरी हो जाए, तो सही इंश्योरेंस पॉलिसी ही आपको पूरी कीमत दिला सकती है। पर क्या आप जानते हैं कि इंश्योरेंस खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? आइए, जानते हैं वो जरूरी टिप्स जो चोरी की स्थिति में आपका नुकसान पूरा करेंगे।
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1. कॉम्प्रिहेंसिव इंश्योरेंस ही चुनें
थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस सिर्फ दूसरों के नुकसान को कवर करता है, जबकि चोरी या प्राकृतिक आपदा जैसे मामलों में सुरक्षा चाहिए तो कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी लेना अनिवार्य है। यह पॉलिसी गाड़ी की चोरी, दुर्घटना, आग, या प्राकृतिक नुकसान को भी कवर करती है।
2.IDV (इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू) पर ध्यान दें
IDV वह राशि है जो चोरी या टोटल लॉस की स्थिति में इंश्योरेंस कंपनी देती है। अगर IDV आपकी गाड़ी के वर्तमान बाजार मूल्य से कम है, तो आपको नुकसान का पूरा मुआवजा नहीं मिलेगा। हर साल पॉलिसी रिन्यू करते समय IDV की तुलना गाड़ी की मार्केट वैल्यू से जरूर करें।
3.एंटी-थेफ्ट डिवाइस लगवाएं
कई इंश्योरेंस कंपनियां एंटी-थेफ्ट डिवाइस (जैसे GPS ट्रैकर या स्मार्ट अलार्म) लगाने पर प्रीमियम में छूट देती हैं। साथ ही, ये डिवाइस चोरी की संभावना को कम करते हैं। ध्यान रखें कि डिवाइस ARAI (ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया) द्वारा प्रमाणित हो।
4.दस्तावेजों को व्यवस्थित रखें
चोरी की स्थिति में इंश्योरेंस क्लेम के लिए नीचे दिए दस्तावेज जरूरी होते हैं:
– गाड़ी का RC बुक और इंश्योरेंस पॉलिसी कॉपी
– चोरी की FIR (पुलिस रिपोर्ट)
– चाबियों का सेट (अगर उपलब्ध हो)
– क्लेम फॉर्म और बीमा कंपनी को सूचना देने का प्रमाण
5. तुरंत कार्रवाई करें
गाड़ी चोरी होने पर 24 घंटे के अंदर पुलिस में FIR दर्ज कराएं और 48 घंटे के भीतर इंश्योरेंस कंपनी को सूचित करें। देरी से क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।
6. नो-क्लेम बोनस (NCB) का लाभ न खोएं
अगर आपने लगातार कुछ सालों तक क्लेम नहीं किया है, तो NCB के तहत प्रीमियम पर छूट मिलती है। गाड़ी चोरी होने पर भी कुछ कंपनियां NCB को नए इंश्योरेंस में ट्रांसफर करने की सुविधा देती हैं। इसकी जानकारी पॉलिसी में चेक करें।
7. पॉलिसी एक्सक्लूजन्स को समझें
कुछ शर्तों पर इंश्योरेंस कंपनी चोरी का क्लेम रिजेक्ट कर सकती है, जैसे:
– गाड़ी बिना सुरक्षा के अंधेरी या अवैध जगह पर पार्क करना
– डुप्लीकेट चाबियों का इस्तेमाल
– गाड़ी में किए गए मॉडिफिकेशन की जानकारी न देना
इसलिए, पॉलिसी खरीदने से पहले एक्सक्लूजन्स ध्यान से पढ़ें।
8. विश्वसनीय इंश्योरेंस प्रदाता चुनें
क्लेम सेटलमेंट रेश्यो (CSR) और ग्राहक समीक्षाओं के आधार पर कंपनी का चयन करें। ऑनलाइन पोर्टल्स पर कॉम्प्रिहेंसिव पॉलिसी की तुलना करके सर्वोत्तम विकल्प ढूंढें।
गाड़ी चोरी होने की स्थिति में पूरी कीमत पाने के लिए सही इंश्योरेंस पॉलिसी और सावधानियां जरूरी हैं। IDV, दस्तावेज, और कंपनी के नियमों का ध्यान रखकर आप न केवल अपनी गाड़ी, बल्कि अपने पैसे को भी सुरक्षित रख सकते हैं। इन छोटे-छोटे कदमों से आप “चोरी” जैसी दुर्घटना को एक बड़े आर्थिक झटके में नहीं बदलने देंगे।