*पेंशन योजना (UPS) का सारांश*
*1. पेंशन का निर्धारण*
पेंशन की गणना निम्नलिखित तरीके से की जाएगी:
– *सुनिश्चित भुगतान* = (अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50%) × (सेवा अवधि के महीनों की संख्या / 300)
– यदि गणना की गई राशि ₹10,000 से कम आती है, तो न्यूनतम गारंटीड पेंशन ₹10,000 प्रति माह होगी।
– यदि सेवा 10 वर्ष से अधिक लेकिन 25 वर्ष से कम है, तो आनुपातिक पेंशन दी जाएगी।

*2. एम्प्लाई और एम्प्लॉयर का योगदान*
– कर्मचारी को अपने मूल वेतन (जिसमें गैर-प्रैक्टिसिंग भत्ता भी शामिल है, यदि लागू हो) और महंगाई भत्ते का *10% योगदान* देना होगा।
– केंद्र सरकार (नियोक्ता) द्वारा कर्मचारी के योगदान के बराबर *10% का योगदान* दिया जाएगा।
*3. रिटायरमेंट पर प्राप्त होने वाली धनराशि*
– *एकमुश्त भुगतान* = (अंतिम वेतन + महंगाई भत्ता) ÷ 10 × पूरी की गई छह महीने की सेवा अवधि
– उदाहरण: यदि अंतिम वेतन ₹53,600 और महंगाई भत्ता ₹28,408 है, तो एकमुश्त भुगतान ₹2,87,028 होगा।
– *पारिवारिक पेंशन*: यदि कर्मचारी का निधन हो जाता है, तो उसकी विधवा/विधुर को 60% पेंशन मिलेगी।
*4. पेंशन योजना की अन्य विशेषताएँ*
– पेंशन भुगतान महंगाई राहत के अनुसार समय-समय पर संशोधित किया जाएगा।
– कर्मचारी अपनी संचित राशि का अधिकतम 60% तक एकमुश्त निकाल सकता है, जिससे पेंशन राशि आनुपातिक रूप से घट जाएगी।
– यदि कर्मचारी ने 10 वर्षों की न्यूनतम सेवा पूरी नहीं की है, तो उसे यूपीएस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
यह योजना *राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS)* के अंतर्गत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए है और 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
सारांश साभार: AI🚩