लखनऊ। हरदोई में तैनात रहीं सहायक अध्यापिका बबिता सिंह का स्थानांतरण बाराबंकी हो गया। बाराबंकी में तैनाती के बाद भी उनको करीब डेढ़ साल तक वेतन नहीं मिल सका। इसकी शिकायत शिक्षिका ने उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग राज्य आयोग में की।
आयोग ने शुक्रवार को बा राबंकी और हरदोई के बीएसए को तलब किया। बाराबंकी के बीएसए तो नहीं पहुंचे, हरदोई के बीएसए ने आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा के समक्ष उपस्थित होकर कहा कि उनकी ओर से शिक्षिका के वेतन से जुड़ी कार्यवाही पूरी कर दी गई थी।
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मामला बाराबंकी बीएसए के स्तर पर लंबित है। आयोग ने सहायक अध्यापिका को वेतन न देने पर कड़ी नाराजगी जतायी और 11 मार्च को अगली सुनवाई में दोनों बीएसए को तलब किया है। साथ ही तब तक वेतन भुगतान के निर्देश भी दिए।
आयोग के अध्यक्ष ने की जनसुनवाई
आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने शुक्रवार को इंदिरा भवन स्थित कार्यालय में विभिन्न जिलों से प्राप्त 35 शिकायतों की जनसुनवाई की। सुनवाई के दौरान अध्यक्ष ने लंबित भुगतान, सेवा संबंधी विवाद, फर्जी जाति प्रमाणपत्र और अन्य मामलों पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
अमरोहा की नगरपालिका परिषद हसनपुर की अध्यक्ष नीलम शान के ओबीसी का फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवाकर चुनाव लड़ने की शिकायत की गई है। इस पर आयोग ने संबंधित अधिकारियों को एक माह के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
ग्रेच्युटी राशि के भुगतान का आदेश
कृषि विभाग के सेवानिवृत्त प्राविधिक अधिकारी डा. धर्मराज सिंह के मामले में 7,66,252 रुपये की ग्रेच्युटी राशि के भुगतान का आदेश दिया गया। आदेश की प्रति शिकायतकर्ता को सौंपी गई, जिससे वह संतुष्ट रहे और प्रकरण निस्तारित कर दिया गया।
एके वर्मा ने पुलिस पर भू-माफियाओं के प्रभाव में अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत फर्जी मुकदमे दर्ज कराए जाने की शिकायत की। आयोग ने जनसुनवाई में उपस्थित एसीपी गोसाईंगंज किरन यादव को निष्पक्ष जांच के आदेश दिए।
बस्ती के श्याम नारायण की पेंशन संबंधी शिकायत पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई, जिसमें बताया गया कि सभी भुगतान किए जा चुके हैं। मैनपुरी के राम प्रसाद शाक्य के मामले में उपायुक्त राज्य कर इटावा ने बताया कि उन्हें एसीपी का लाभ दे दिया गया है।
शामली के प्रदीप कुमार के विनियमितीकरण मामले में क्षेत्रीय वनाधिकारी मुजफ्फरनगर को सभी अभिलेखों सहित अगली सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया। पिछड़े वर्ग के कर्मचारियों के साथ भेदभाव पाए जाने पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।