आउट सोर्स एवं संविदा कर्मियों के न्यूनतम वेतन में इजाफा करने के बाद सरकार जल्द ही शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों के मानदेय में सम्मानजनक बढ़ोत्तरी करने जा रही है। उच्च स्तर पर इसके लिए सहमति बनने के बाद प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा।

प्रस्ताव के अनुसार शिक्षा मित्रों का मानदेय 25 हजार रुपये प्रतिमाह तथा अनुदेशकों को न्यूनतम 22 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिए जाने का प्रस्ताव है। दोनों संवर्ग के शिक्षा कर्मियों को दूसरे राज्यों की भांति तीन वर्षों पर वेतन वृद्धि की सुविधा पर सरकार सहमत हो चुकी है। कैबिनेट की मुहर लगते ही शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों के मानदेय में न सिर्फ दोगुने से अधिक वृद्धि हो जाएगी बल्कि हर तीन वर्ष पर वेतन वृद्धि का भी लाभ मिलेगा। इस समय प्रदेश में शिक्षा मित्रों को प्रतिमाह 10 हजार रुपये तथा अनुदेशकों को नौ हजार रुपये मानदेय के रूप में दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने बीते 20 फरवरी को आउट सोर्स एवं सविदाकर्मियों के मानदेय अथवा वेतन को न्यूनतम 16 हजार से 20 हजार रुपये तक करने की घोषणा की थी। इसी कड़ी में अब शिक्षामित्र एवं अनुदेशकों के मानदेय में वृद्धि किए जाने की योजना है। बताया जाता है कि सरकार ने देश के कुछ अन्य राज्यों में वहां शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों को दिए जाने वाले अन्य सुविधाओं का अध्ययन भी कराया है। उसी आधार पर यहां के शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों को भी कुछ अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करने पर भी विचार किया जा रहा है जिस पर अन्तिम मुहर कैबिनेट की लगेगी तभी लागू किया जा सकेगा। वित्त विभाग के अधिकारी ने बताया कि दूसरे राज्यों के पैटर्न पर प्रदेश की आर्थिक एवं सामाजिक स्थितियों को देखते हुए अनुकूल निर्णय लिया जा रहा है।
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कई राज्यों में दो से तीन वर्षों के अन्तराल पर वेतन वृद्धि की सुविधा दी जा रही है।
अन्य राज्यों में मिलने वाले मानदेय या वेतन की स्थिति
● चंडीगढ़ 34, 000 रुपये प्रतिमाह
● राजस्थान 51,600 रुपये प्रतिमाह
● झारखण्ड ज्यादातर को समायोजित कर दिया गया बचे हुए को 20 से
28,000 के बीच मानदेय प्रतिमाह
● उत्तराखण्ड टेट पास सहायक अध्यापक बनाये गए जो बचे उन्हें 20, 000
रुपये प्रतिमाह
● बिहार विधानसभा में नियमित किए जाने की घोषणा हो चुकी है।
फिलहाल 20 वर्ष की नौकरी पूरी कर चुके को 26,000
मानदेय दिया जा रहा है।

प्रदेश में एक घंटे बढ़ाया गया निबंधन कार्यालयों का समय
प्रदेश के स्टाम्प, न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने निर्देश दिया है कि प्रदेश के समस्त उप-निबन्धक कार्यालय मार्च 2025 में शाम 6 बजे तक रजिस्ट्री का कार्य करेंगे। इसके साथ ही स्लॉट बुक करने का जो समय 4 बजे तक था, उसे भी एक घंटा बढ़कर शाम 5 बजे कर दिया गया है।
इसके साथ ही मार्च के अंतिम रविवार को भी विलेख पंजीकरण का कार्य सुचारु रूप से सम्पादित किया जाएगा, ताकि उक्त अवकाश के दिन भी आम जनमानस के द्वारा रजिस्ट्री का अधिक संख्या में पंजीकरण कराया जा सके और विभाग को निर्धारित राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित की जा सके।
इस संबंध में मंत्री रवींद्र जायसवाल के निर्देश पर महानिरीक्षक निबंधन अमित गुप्ता द्वारा अधीनस्थ कार्यालयों को आदेश जारी कर दिए हैं। रवींद्र जायसवाल ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के वित्तीय समापन एवं माह मार्च में होली व नवरात्रि के त्योहार के कारण इस महीने में आम जनमानस द्वारा अधिक संख्या में अचल सम्पत्तियों का पंजीकरण कराया जाना सम्भावित है। मार्च में होली आदि त्योहारों के सार्वजनिक अवकाश के कारण माह में उपलब्ध कार्य दिवस अपर्याप्त होने के मद्देनज़र यह निर्णय लिया गया है।
इसके साथ ही मार्च 2025 के अन्य अवकाश दिवस अथवा रविवार को उप निबन्धक कार्यालयों को निबन्धन कार्य हेतु खोले जाने के संबंध में स्थानीय स्तर पर निर्णय लिए जाने के लिए निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ की जनसेवा के संकल्प को सिद्ध करने के लिए यह निर्णय लिया गया है।