देश के कई राज्यों में गर्मी का पारा बढ़ने लगा है। अधिकतर राज्यों में तापमान 30 से अधिक डिग्री तक पहुंच चुका है। इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने उत्तर-पश्चिम भारत में इस गर्मी में रिकॉर्ड हीटवेव दिनों का अनुमान लगाया है। मौसम विभाग ने कहा कि इस बार देश में हीटवेव के दिनों की संख्या लगभग दोगुनी हो सकती है। यानी सामान्य से अधिक गर्मी के लिए तैयार रहने की चेतावनी जारी की है। आईएमडी की वैज्ञानिक सोमा सेन रॉय ने बताया कि आमतौर पर इस क्षेत्र में एक मौसम में पांच से छह दिन तक हीटवेव के दिन दर्ज किए जाते हैं, लेकिन इस साल 10 से 12 दिन तक हीटवेव रहने की संभावना है, जो कि सामान्य से दोगुना है। उन्होंने कहा कि पश्चिम और मध्य भारत में सामान्य से थोड़ी अधिक हीटवेव की स्थिति की संभावना है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, मध्य मार्च से ही दिन में तेज धूप निकलने लगी है, जिसके कारण तापमान काफी तेजी से बढ़ा है।
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- ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत प्रदेश के ग्रामीण एवं नगरीय/शहरी क्षेत्र में अवस्थित समस्त परिषदीय विद्यालयों को मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं के मूल्यांकन के सम्बन्ध में।
2024 में सबसे ज्यादा दिन तक हीटवेव : वैज्ञानिक रॉय ने बताया कि यह एक मौसमी पूर्वानुमान है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि मौसम के सभी दिन सामान्य से अधिक होंगे। उन्होंने कहा कि पूर्वानुमान मौसमी पैमाने पर सामान्य से अधिक गर्मी रहने की संभावना है।
खाद्य पदार्थों पर असर

भीषण गर्मी से सब्जियों की कीमतें बढ़ सकती हैं। पिछले साल अप्रैल-मई में कीमतों में 27 फीसदी की वृद्धि हुई थी। इस साल भी टमाटर, प्याज, भिंडी जैसी फसलों पर असर पड़ सकता है, जिससे महंगाई बढ़ने की आशंका है।
समय से पहले गर्मी
फरवरी में ही गोवा और महाराष्ट्र में पहली बार हीटवेव दर्ज की गई। मार्च में ओडिशा, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र और तेलंगाना में भी हीटवेव देखी गई। अनुमान है कि इस साल सामान्य से अधिक हीटवेव दिन हो सकते हैं। अगर यही रुझान जारी रहा, तो यह साल पिछले वर्ष से भी ज्यादा गर्म हो सकता है।
अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
गर्मी का असर श्रमिकों और उद्योगों पर भी पड़ेगा। पिछले साल 40 हजार से अधिक हीटस्ट्रोक के मामले दर्ज हुए थे और 733 मौतें हुई थीं। अत्यधिक गर्मी से भारत 2030 तक सालाना 5.8 फीसदी कार्य घंटे खो सकता है। हीटवेव से सबसे अधिक प्रभावित निर्माण श्रमिक, किसान और फैक्ट्री मजदूर होंगे।
हल्द्वानी। कुमाऊं के हिल स्टेशनों पर मार्च माह में ही गर्मी का अहसास होने लगा है। यहां दिन का तापमान अभी से 24 से 27 डिग्री सेल्सियस पहुंच रहा है। जबकि पूर्व में हिल स्टेशनों पर इतना तापमान अप्रैल के पहले हफ्ते बाद दर्ज किया जाता रहा है। मौसम विशेषज्ञ इस बार पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक भीषण गर्मी होने का दावा कर रहे हैं। इसका असर भी दिखने लगा है। कुमाऊं के हिल स्टेशनों पर इन दिनों रात में भले ठंड हो रही है, लेकिन दिन में चमचमाती धूप से तपिश महसूस होने लगी है।