पटना। राज्य के सरकारी विद्यालयों में पहली कक्षा में बिना आधार कार्ड के भी बच्चों का नामांकन होगा। इस पर शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है।
आवश्यक दस्तावेज
आधार कार्ड नहीं रहने की स्थिति में जन्म प्रमाणपत्र या ऐसे ही दूसरे दस्तावेज अभिभावक को विद्यालय में देने होंगे। शिक्षक किसी भी बच्चे को नामांकन के बिना विद्यालय से वापस नहीं करेंगे।

शिक्षा विभाग की घोषणा
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शनिवार को शिक्षा की बात हर शनिवार कार्यक्रम में इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह जिला प्रशासन का दायित्व है कि वह नामांकन से संबंधित दस्तावेजों को देखें।
गर्मी की छुट्टियों में शिक्षा
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि हर गांव में कोई भी बच्चा बिना विद्यालय के नहीं रहे। शत-प्रतिशत बच्चों का नामांकन सुनिश्चित हो। गर्मी की होने वाली छुट्टी में बच्चे घर पर रहेंगे। उस दौरान बच्चों को प्रोजेक्ट बेस्ड शिक्षा दी जाए।
बच्चे के गांव में किस प्रकार के पेड़, चिड़िया, जानवर हैं। इसे प्रोजेक्ट में शामिल किया जाना चाहिए। बच्चों से उनके चित्र भी बनवाए जा सकते हैं। यानी, गर्मी की छुट्टी में बच्चों को घरों में दी जाने वाली शिक्षा में उनके परिवेश पर फोकस किया जाय।
प्रधानाध्यापकों को दिए जाएंगे हैंडबुक
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को हैंडबुक भी दिए जाएंगे। हैंडबुक के संचालन से संबंधित गाइडलाइन जारी होगी।
राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को गाइडलाइन तैयार करने के लिए कहा गया है। भविष्य में जब संसाधन जुटेंगे, तो पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों को भी कंप्यूटर की शिक्षा दी जाएगी।
कंप्यूटर शिक्षा का विस्तार
प्राथमिक विद्यालयों को भी कंप्यूटर उपलब्ध कराये जाएंगे। वर्तमान में छठी कक्षा से कंप्यूटर की शिक्षा की व्यवस्था की गयी है। मध्य विद्यालयों में छठी से आठवीं कक्षा के बच्चों की कंप्यूटर की शिक्षा के लिए आईसीटी लैब है। माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में भी बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा दी जा रही है।