प्रयागराज। सिविल लाइंस स्थित शिक्षा निदेशालय में आग लगने का कारण जानने के लिए अग्निशमन विभाग की टीम सोमवार सुबह दस बजे घटनास्थल पर पहुंची। जिन तीन कमरों में आग लगी थी, उनकी जांच की गई। साथ ही पता लगाया कि घटना के 24 घंटे बाद भी कमरे से कहीं धुआं तो नहीं निकल रहा है। हालांकि, अग्निशमन विभाग को आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।

हजारों फाइल जलने के मामले में बिल्डिंग में बिजली व्यवस्था और आग से बचने के इंतजाम को लेकर पोल खुल गई है। पूरे बिल्डिंग परिसर में खुले में बिजली के तारों का मकड़जाल फैला हुआ है। जगह-जगह खुले तार हैं। यही नहीं, बिल्डिंग परिसर में आग बुझाने के इंतजाम भी पूरी तरह से चौपट हैं। प्रवेश द्वार के पास ही अग्निशमन यंत्र लगा हुआ है। लेकिन, ये दिखने में काफी पुराना है।
- बेसिक शिक्षा विभाग बरेली एवं मिशन शिक्षण संवाद द्वारा एक दिवसीय राज्य स्तरीय प्रकृति मित्र शिक्षक सम्मान समारोह में प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग कराये जाने के सम्बन्ध में।
- एन0बी0टी0 नई दिल्ली एवं सी0आई0आई0एल0 मैसूर के माध्यम से समग्र शिक्षा योजनान्तर्गत परिषदीय विद्यालयों के पुस्तकालयों हेतु क्रय की जाने वाली पुस्तकों के सम्बन्ध में।
- वित्तीय वर्ष 2025-26 खेल कूद सामग्री क्रय हेतु दिशा निर्देश विषयक
- परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के विकास मद के अन्तर्गत विद्युतीकरण आदि सम्बन्धी कार्य हेतु वित्तीय वर्ष 2023-24 में आंवटित की गयी धनराशि के सापेक्ष उपभोग प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में।
- Updatemart : 30 जून तक विद्यालयों में शिक्षकों के लिए भी अवकाश घोषित करने की मांग को लेकर विधायक ने लिखा सीएम को पत्र
इसपर चस्पा स्टीकर में भी कुछ नहीं लिखा है। यहां मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि ये न जाने कितने सालों से ऐसा ही लगा है। इसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। जिन जगहों पर अग्निशमन यंत्र लगा भी तो वह एक्सपायरी डेट के हैं। यानी अगर कोई बड़ा हादसा हो जाए तो बचने के कोई खास इंतजाम नहीं है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी डॉ. आरके पांडेय ने बताया कि जांच की जा रही है।
चर्चा… कंप्यूटर खुला होने से शॉर्ट सर्किट की आशंका
शनिवार और रविवार को कार्यालय बंद होने के बावजूद आग की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। विभाग में चर्चा है कि कंप्यूटर खुला होने की वजह से शॉर्ट सर्किट हुआ होगा। जिससे आग ने विकराल रूप ले लिया। अगर बिजली को पूरी तरह से शटडाउन कर दिया जाता तो शायद यह हादसा नहीं होता