कानपुर में एक शिक्षक की हत्या के मामले में पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। विवेचक ने विवेचना में उसके खिलाफ हत्या के साक्ष्य न होने की बात कहते हुए नाम हटा दिया था। अभियोजन ने पत्नी के खिलाफ हत्या के साक्ष्य होने की बात कहते हुए उसे तलब करने की मांग उठाई थी। अदालत ने उसे तलब किया और न आने पर वारंट जारी किया था।
अपर जिला जज सप्तम आजाद सिंह की अदालत ने शिक्षक हत्या में पत्नी को जेल भेज दिया। विवेचक ने विवेचना में उसके खिलाफ हत्या के साक्ष्य न होने की बात कहते हुए नाम हटा दिया था। एक ही अभियुक्त के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट भेजा था।
अभियोजन ने पत्नी के खिलाफ हत्या के साक्ष्य होने की बात कहते हुए उसे तलब करने की मांग उठाई थी। इस पर अदालत ने उसे तलब किया और न आने पर वारंट जारी किया था। वारंट तामील न कराने पर पनकी थानाध्यक्ष को भी तलब किया गया था। थानाध्यक्ष को आठ अप्रैल को कोर्ट आना था। इससे पहले ही उन्होंने महिला को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर दिया।

पिछले साल शिक्षक की हत्या हुई थी
पनकी थाना क्षेत्र के पतरसा गांव में 28 जनवरी 2024 को शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या हो गई थी। दयाराम के भाई अनुज कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कहा था कि उसके बड़े भाई दयाराम कानपुर देहात के ग्राम विकास इंटर कॉलेज बुधौली में शिक्षक थे। उनका विवाह वर्ष 2009 में संगीता से हुआ था।
2017 में संगीता के अवैध संबंध पवन कुमार से हो गए। पवन का दोस्त संजीव कुमार है। संजीव ने पत्नी निशा से खराब संबंधों के चलते निशा की बहन मयंक कुमारी से भी शादी कर ली थी। संजीव को शक था कि निशा के संबंध दयाराम से हैं। इस कारण संजीव कुमार, संगीता देवी और पवन कुमार ने दयाराम की हत्या का षड़यंत्र रचा। 28 जनवरी 2024 को दयाराम को पतरसा बुलाया।
कमरे में बंद कर आग लगा दी
देर रात दयाराम ने भाई अनुज को फोन कर बताया कि संजीव ने उसे कमरे में बंद कर आग लगा दी है। अनुज जब पहुंच तो दयाराम की मौत हो चुकी थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विनोद त्रिपाठी ने बताया कि पुलिस ने सिर्फ संजीव के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में भेजा था। अभियोजन की अर्जी पर कोर्ट ने संगीता और पवन को भी तलब कर लिया था, लेकिन दोनों हाजिर नहीं हो रहे थे। इस पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था।