सीबीआई शिमला शाखा ने आरोपियों के खिलाफ तीन एफआईआर की हैं दर्ज
शिमला। दसवीं कक्षा के फर्जी प्रमाणपत्र बनाकर डाक विभाग में नौकरियां हासिल करने के मामले में सीबीआई शिमला शाखा की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। सीबीआई को आशंका है कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार में फर्जी मार्कशीट तैयार की जाती हैं।
लोगों से लाखों रुपये लेकर इन्हें दसवीं कक्षा की मार्कशीट दी जाती है। इसके बाद युवा डाक विभाग में नौकरियों के लिए आवेदन करते हैं। डाक विभाग की ओर से अखिल भारतीय ऑनलाइन चयन प्रक्रिया के माध्यम से शाखा पोस्टमास्टर, सहायक शाखा पोस्टमास्टर और ग्रामीण डाक सेवकों के पदों

के लिए भर्तियां प्रकाशित की जाती हैं। इसके तहत मैट्रिक के अंकों की मेरिट की वरीयता सूची के अनुसार आवेदन करने वाले युवाओं को चयनित किया जाता है। बीते कुछ वर्षों के दौरान हुई भर्तियों के तहत विभागीय पड़ताल में बाहरी राज्यों के कई युवाओं के प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए।
हाल ही में सीबीआई शिमला शाखा की ओर से पकड़ी गई फर्जी मार्कशीट में आरोपियों से पूछताछ में कई खुलासे हुए है। बताया जा रहा है कि सरगनाओं ने कई राज्यों में अपना जाल बिछाया हुआ है। उल्लेखनीय है कि सीबीआई की शिमला शाखा ने बीते दिनों ही तीनों व्यक्तियों के खिलाफ डाक विभाग में नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेज पेश करने को लेकर 3 अलग
अलग एफआईआर दर्ज की हैं।
आशंका जताई जा रही है कि इसके पीछे पूरा गिरोह काम कर रहा है। खासकर युवाओं को डाक विभाग में नौकरी पाने के लिए फर्जी मार्कशीट उपलब्ध करवा रहा है। सीबीआई इस मामले की परतें खोल रही है।