नई दिल्ली, एजेंसी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अंशधारकों के लिए खाते से निकासी की सीमा को एक लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपए करने का फैसला लिया है।
खबरों के मुताबिक श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने पिछले सप्ताह केंद्रीय न्यासी बोर्ड की कार्यकारी समिति की 113 वीं बैठक में इस ऑटो सेटलमेंट की सीमा को बढ़ाने मंजूरी दे दी थी। यह बैठक 28 मार्च को श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में हुई थी, जिसमें ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त रमेश कृष्णमूर्ति ने भाग लिया था। बता दें कि मई के अंत या जून 2025 की शुरुआत तक ईपीएफओ सदस्य यूपीआई और एटीएम से पीएफ से रकम निकाल सकेंगे।

ऑटो सेटलमेंट ऑफ एडवांस क्लेम को सबसे पहले 2020 में शुरू किया गया था, उस समय इसकी सीमा कुल 50 हजार रुपए थी। मई 2024 में, ईपीएफओ ने अग्रिम दावा सीमा को 50,000 रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया था।
ईपीएफओ ने तीन और श्रेणियों शिक्षा, विवाह और आवास के लिए अग्रिम दावों के ऑटो मोड सेटलमेंट की भी शुरुआत की है। इससे पहले, सदस्य केवल बीमारी/अस्पताल में भर्ती होने के उद्देश्य से अपना पीएफ निकाल पाते थे। इसके तहत सिर्फ तीन दिन में भुगतान कर दिया जाता है।
ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष के दौरान छह मार्च 2025 तक 2.16 करोड़ रुपए का ऑटो क्लेम सेटलमेंट निपटान का एक ऐतिहासिक स्तर भी हासिल किया है, जो 2023-24 में 89.52 लाख रुपए था। दावों के खारिज होने का अनुपात भी पिछले साल के 50 फीसदी से घटकर 30 फीसदी हो गया है। वहीं, पीएफ निकासी की सत्यापन औपचारिकताएं 27 से घटाकर 18 कर दी गई थीं। अब बैठक में इन्हें घटाकर छह करने का निर्णय भी लिया गया है।