मऊ। 69000 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत नियुक्त हुए शिक्षकों के मामले में कोर्ट के आदेश के बाद शासन से बर्खाश्त करने के निर्णय के बाद ऐसे शिक्षकों की कुंडली खंगाली जा रही है। बीएसए ने इसके लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है। टीम ऐसे शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करेगी। साथ ही 15 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौपेंगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर अपात्र शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

69 हजार शिक्षक भर्ती में जिले में 200 शिक्षक चयनित हुए थे। यह सभी शिक्षक जिले के विभिन्न विद्यालयों में कार्य कर रहे हैं। 69 हजार शिक्षक भर्ती के लिए 22 दिसंबर 2018 तक आवेदन लिए गए थे। आवेदन के समय अभ्यर्थी को अनिवार्य अर्हता करना आवश्यक होता है।
शासन की तरफ से ऐसे अभ्यर्थी 22 दिसंबर 2018 तक बीटीसी परीक्षा में अनुत्तीर्ण थे और 22 दिसंबर 2018 के बाद बैक पेपर देकर उत्तीर्ण हुए हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शासन से निर्देश दिए थे। बैकपेपर से पास अभ्यर्थियों को अयोग्य माना गया था। इन सभी को सेवा से मुक्त करने का आदेश मिला है।
बीएसए ने नियुक्त शिक्षकों के प्रमाण प्रमाण पत्रों की जांच पड़ताल के लिए खंड शिक्षा अधिकारी घोसी धर्मेंद्र कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी फतहपुरमंडाव श्याम सुंदर पटेल, खंड शिक्षा अधिकारी मुहम्मदाबादगोहना श्वेता मौर्य सहित तीन सदस्यीय टीम गठित किया है। जांच टीम ऐसे शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच करेगी और बैक पेपर के जरिए पास हुए अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की संस्तुति करेगी।
शासन से निर्देश मिलने के बाद 69 हजार शिक्षक भर्ती के तहत नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों के रिकार्डो की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। जांच टीम से 15 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगा गया है। – संतोष कुमार उपाध्याय, बीएसए मऊ