फतेहपुर। गड़रियनपुर प्राथमिक स्कूल बंद कराने पहुंचे बीईओ को ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा। ग्रामीण स्कूल को बंद करने और बच्चों को विलय किए गए विद्यालय में भेजने के लिए तैयार नहीं हुए। उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया कि वह स्कूल बंद नहीं होने देंगे। जिसके बाद बीईओ बैरंग लौट गए। स्कूल विलय कराने के लिए ग्रामीणों के साथ संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक की सहमति अनिवार्य है।

शासन ने 50 और इसके कम छात्र संख्या वाले स्कूल मूल गांव से बंद कराकर नजदीकी स्कूल में विलय कराने का आदेश जारी किया है। विलय की शुरूआत 10 से कम छात्र संख्या वाले स्कूल से की जा रही है।
इनके विलय के बाद 20, फिर 30 और इसी क्रम से 50 तक छात्र संख्या वाले स्कूलों का विलय कराने की योजना है। इसी क्रम में सोमवार को तेलियानी ब्लॉक के गड़रियनपुर प्राथमिक स्कूल बंद कराने पहुंचे बीईओ राजेश कटियार को ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। डेढ़ घंटे तक बीईओ ने ग्रामीणों की मान मनौव्वल की, लेकिन ग्रामीण स्कूल बंद होने पर अपने बच्चों को नजदीकी स्कूल में भेजने के लिए तैयार नहीं हुए।
ग्रामीणों ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि वह किसी भी हालत में स्कूल बंद करने की सहमति नहीं देंगे। बीईओ ने बताया कि ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही ग्रामीण शासन के सहयोग के लिए राजी हो जाएंगे।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला महामंत्री विजय त्रिपाठी का कहना है कि जिले का कोई प्रधानाध्यापक या इंचार्ज प्रधानाध्यापक स्कूल बंद करने के लिए सहमति पत्र में हस्ताक्षर नहीं करेगा। विभाग की स्कूल बंद कराने की कार्यवाही शिक्षक हित के साथ जनहित विरोधी है।
उन्होंने शिक्षकों से अपील किया कि कोई प्रधानाध्यापक अधिकारियों के बहकावे में आकर सहमति पत्र में हस्ताक्षर न करें। संगठन उनकी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है।