लखनऊ। शहर में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत चयनित 3000 से अधिक बच्चों को अब निजी स्कूलों में प्रवेश दिलाने की प्रशासनिक तैयारी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शिक्षा के अधिकार जनता दरबार में पर स्कूलों का अड़ंगा एक बच्ची की गुहार के बाद जिलाधिकारी विशाख जी ने इस मामले का संज्ञान लिया है। उन्होंने 27 जून को सभी एसीएम और खंड शिक्षा अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है, जिसमें एडमिशन से वंचित बच्चों के दाखिले की रणनीति तय की जाएगी।

प्रवेश से इन्कार करने वाले निजी स्कूलों गोमतीनगर एमआर जयपुरिया, बालगाइड, विश्वनाथ एकेडमी पर प्रशासन सख्ती के मूड में है। इन स्कूलों ने न सिर्फ प्रवेश से इन्कार किया, बल्कि विभाग के निर्देशों की भी अनदेखी की।
बीएसए ने भी की समीक्षा
बैठक : अमर उजाला में खबर छपने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी राम प्रवेश ने भी सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ मंगलवार को समीक्षा बैठक की। इसमें प्रत्येक ब्लॉक में हुए प्रवेशों और वेटिंग में चल रहे बच्चों की स्थिति जानी गई। उन्होंने सरकारी स्कूलों में पेयरिंग की स्थिति और अभिभावकों व शिक्षकों की सहमति की भी जानकारी ली।
बीएसए ने बताया कि सिटी मांटेसरी स्कूल के लिए 41 बच्चे आरटीई के तहत नामित किए गए थे। इसमें 20 बच्चों के प्रवेश लिए गए। बाकी बाकी बच्चों का प्रवेश नहीं लिया गया।
आरटीई में अब तक का सबसे अधिक
प्रवेश : इस बार आरटीई के तहत राजधानी में रिकॉर्ड स्तर पर 18,000 से अधिक बच्चों का चयन हुआ, जिनमें से 12,600 बच्चों को दाखिला मिल चुका है। 3000 बच्चे अब भी प्रवेश से वंचित हैं, जबकि शेष बच्चों के अभिभावकों ने आगे बढ़ने में रुचि नहीं दिखाई