प्रतापगढ़। जिले के जिन परिषदीय विद्यालयों में 50 से कम छात्र हैं, अब उन विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को निकट के दूसरे विद्यालय में भेजा जाएगा।
वहीं, खाली हुए विद्यालयों को बाल वाटिका के रूप में तैयार किया जाएगा। इन बाल वाटिकाओं में तीन साल से छह साल तक के बच्चों को अक्षर व भाषा का ज्ञान कराया जाएगा।

जिले में 2375 परिषदीय विद्यालयों में से 824 विद्यालय ऐसे हैं, जहां छात्र संख्या 50 से कम है।
जिन परिषदीय विद्यालयों को बाल वाटिका के रूप में विकसित किया जाएगा। वहां पर जल्द ही 268 एजुकेटर की तैनाती होगी। इसके लिए शासन से जल्द स्वीकृति मिलने की संभावना है। बीएसए भूपेंद्र सिंह ने बताया कि बाल वाटिका में प्री नर्सरी से छह साल के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी।
इससे पहले कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों की जानकारी सरकार ने बीएसए से करीब सात महीने पहले भी मांगी थी, लेकिन उस समय रोक लगा दी गई। एक बार फिर सरकार ने कम नामांकन वाले विद्यालय के छात्रों को निकट के विद्यालयों में भेजने का निर्णय
लिया है।
बीएसए भूपेंद्र सिंह ने बताया कि 50 से कम छात्र संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों को पास के बेहतर सुविधा वाले विद्यालय में युग्मित किया जाएगा। खाली विद्यालय को बाल वाटिका के रूप में विकसित किया जाएगा।