पडरौना, । शिक्षकों के वेतन विसंगतियों को लेकर जिले के विभिन्न शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने सोमवार को जिला मुख्यालय पर हुंकार भरी। शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने 15 हजार शिक्षक भर्ती के शिक्षकों के वार्षिक वेतन वृद्धि की विसंगतियों को दूर करने की मांग की है। इसे लेकर विरोध जताते वालों में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ व प्राथमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारी शामिल रहे।

राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का प्रतिनिधिमंडल 15000 शिक्षक भर्ती के शिक्षकों के वार्षिक वेतन वृद्धि की विसंगति को दूर करने के लिए प्रभारी कोषाधिकारी व प्रभारी वित्त व लेखाधिकारी कुशीनगर को ज्ञापन सौंपा। कहना है कि कुशीनगर में
वार्षिक वेतन वृद्धि की विसंगति को दूर करने की मांग की
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ व प्राथमिक शिक्षक संघ ने सौंपा ज्ञापन
करीब ढाई सौ शिक्षक इससे प्रभावित हैं। मंडल अध्यक्ष राजेश शुक्ला ने कहा कि 28 जून 2016 को शिक्षकों को नियुक्ति आदेश प्राप्त हुआ, लेकिन 29 व 30 को ग्रीष्मावकाश व 01 जुलाई को सार्वजनिक अवकाश रमजान पड़ने के कारण नियुक्त
शिक्षकों को 2 जुलाई 2016 को विद्यालय में कार्यभार ग्रहण कराया गया। प्रथम वार्षिक वेतन वृद्धि । जनवरी 2017 से न देकर 1 जुलाई 2017 को प्रदान किया गया, जो पूरी तरह से गलत और अव्यवहारिक है. जबकि सातवें वेतन आयोग में प्रथम
वार्षिक वृद्धि 6 माह पूर्ण होने पर दिए जाने का प्राविधान है। जिलाध्यक्ष अविनाश शुक्ला ने कहा कि शिक्षकों की वार्षिक वेतन वृद्धि की तिथि 1 जनवरी निर्धारित की गई है। इसके लिए विभिन्न शासनादेश भी समय-समय पर निर्गत किए गए हैं, लेकिन विभाग द्वारा ऐसे आदेशों को ताक पर रखते हुए मनमानी तरीके से वार्षिक वेतन वृद्धि लगाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इस अवसर मंडल उपाध्यक्ष राजेश तिवारी, जिला उपाध्यक्ष सुधीर उपाध्याय, दिलीप पाण्डेय, संगठन मंत्री अनिरुद्ध त्रिपाठी, संयुक्त महामंत्री महेश कर्णधार, ब्लाक मंत्री कसया शैलेष कुमार, वृजनारायण गोंड, सत्यन्नत द्विवेदी, विजय राय, हामिद अंसारी, परमानन्द पाण्डेय, सुनील प्रसाद, जाकिर अली, मिथिलेश पाण्डेय, वरुण राय, बब्लू पाल, अनिल जायसवाल आदि उपस्थित रहे।