लखनऊः प्रदेश के पालिटेक्निक कालेजों में प्रवेश को लेकर बहुत मारामारी नहीं रहेगी। राजकीय, सहायताप्राप्त और निजी पालिटेक्निक कालेजों में करीब 2.70 लाख सीटें उपलब्ध हैं। इनके मुकाबले 3.49 लाख अभ्यर्थियों ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लिया है। यानी औसतन हर सीट पर 1.29 यानी सवा गुणा से कुछ ज्यादा अभ्यर्थी दावेदारी कर रहे हैं।

पांच से 13 जून के बीच हुई इस परीक्षा के लिए कुल 4.25 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें से करीब 82 प्रतिशत यानी 3,49,314 छात्र परीक्षा में शामिल हुए। प्रदेश में कुल 1685 पालिटेक्निक संस्थान संचालित हो
2.70 लाख सीटों के मुकाबले 3.49 लाख ने दी परीक्षा
हर सीट पर सवा गुणा से कुछ ज्यादा अभ्यर्थी दावेदार
रहे हैं, जिनमें इंजीनियरिंग, फार्मेसी और अन्य तकनीकी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कराई जाती है। पिछले वर्ष प्रदेश भर में पालिटेक्निक की कुल सीटों में से सिर्फ 1.15
लाख छात्रों ने ही दाखिला लिया था, यानी केवल 42.63 प्रतिशत सीटें ही भर सकी थीं। बड़ी संख्या में निजी कालेजों की सीटें खाली रह गई थीं।
इस बार परीक्षा में शामिल छात्रों की संख्या जरूर अधिक है, लेकिन प्रवेश की अंतिम संख्या इस बात पर निर्भर करेगी कि कितने छात्र काउंसिलिंग में हिस्सा लेते हैं और वास्तव में दाखिला लेते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बार भी यदि निजी कालेजों की गुणवत्ता और प्लेसमेंट व्यवस्था बेहतर नहीं हुई, तो सीटें फिर से खाली रह सकती हैं। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद (जेईईसीयूपी) द्वारा जल्द ही परीक्षा की उत्तर कुंजी और परिणाम की तारीख घोषित की जाएगी।