यूपी बोर्ड से संबद्ध 170 स्कूलों की मान्यता छिनेगी। बोर्ड की ओर से ऐसे स्कूलों की सूची तैयार की गई है जहां लगातार तीन साल से एक भी छात्र का प्रवेश नहीं हुआ है। इनमें सबसे अधिक वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय से जुड़े जिलों के 51 स्कूल शामिल हैं। प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय के 45 और मेरठ के 39 स्कूल भी सूची में सम्मिलित हैं। बरेली के 22 जबकि गोरखपुर के 13 स्कूल सूची में शामिल हैं। फिलहाल इन स्कूलों को नोटिस जारी कर लगातार तीन साल तक नामांकन शून्य होने का कारण पूछा जा रहा है। शून्य नामांकन का वाजिब कारण नहीं मिलने पर मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई की जाएगी। खास बात यह है कि ये सभी डिफाल्टर स्कूल वित्तविहीन है।

- संशोधित टाइम टेबल : यूपी बोर्ड हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा 2026 का कार्यक्रम हुआ जारी, देखें
- अब बच्चों की यूनिफार्म में रोड़ा नहीं बनेगा आधार कार्ड
- 😭 दु: खद : दो बाइकें भिड़ीं, प्रधानाध्यापक की मौत
- बच्चे, गर्भवती व बुजुर्गों को जोखिम, हर अस्पताल रहें तैयार: लौटा सांसों पर संकट, सरकार ने उत्तर भारत के सभी राज्यों के लिए जारी किए दिशा-निर्देश
- परिषदीय स्कूलों में गूंजा वंदे मातरम
कानपुर नगर के 13 स्कूलों का नाम शामिल : प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय में पड़ने वाले कानपुर नगर के 13 और लखनऊ के 12 स्कूलों को नोटिस दिया गया है। प्रयागराज के क्षेत्रीय सचिव कमलेश कुमार का कहना है कि स्कूलों को नोटिस देकर छात्र नामांकन शून्य रहने का कारण पूछा गया है।
वाराणसी क्षेत्रीय कार्यालय में पड़ने वाले जिलों में आजमगढ़ में सर्वाधिक 11 स्कूलों की मान्यता पर खतरा मंडरा रहा है। गाजीपुर के दस, अयोध्या सात, मऊ पांच और बलिया के चार स्कूल हैं। मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय में पड़ने वाले एटा के नौ स्कूल जबकि आगरा और फिरोजाबाद के पांच-पांच स्कूल हैं। गोरखपुर क्षेत्रीय कार्यालय में गोरखपुर जिले के ही तीन स्कूलों का नाम है जबकि बरेली में बिजनौर के नौ स्कूल हैं।