शाहजहांपुर। शिक्षा की मुख्य धारा से दिव्यांग बच्चों को जोड़ने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग प्रयास कर रहा, लेकिन शिक्षक झंझट से बचने के लिए दिव्यांग बच्चों का नामांकन तक विद्यालयों में करने से परहेज कर रहे हैं। दिव्यांग बच्चों की ऑनलाइन उपस्थिति समर्थ एप पर भेजने से बचने के लिए नोडल टीचर नाम काटकर पोर्टल से डाटा तक हटा दे रहे हैं। बीएसए ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को दिव्यांगों के नामांकन के लिए निर्देश दिए हैं।
परिषदीय विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व इंचार्ज अध्यापकों को दिव्यांग बच्चों के नामांकन के लिए नोडल अधिकारी नामित किए गए थे। प्रत्येक बच्चे की ऑनलाइन उपस्थिति समर्थ एप पर हर दिन भेजना नोडल अधिकारी की जिम्मेदारी होती है, लेकिन कुछ शिक्षकों ने जिम्मेदारी से बचने के लिए दिव्यांग बच्चों का नाम विद्यालय से काट दिया। साथ ही उनका डाटा प्रेरणा पोर्टल से हटा दिया।
बीएसए कुमार गौरव के संज्ञान में मामला आने के बाद उन्होंने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों के नामांकन में शिक्षक रुचि नहीं लेकर उनकी शिक्षा में बाधा खड़ी कर रहे हैं। कुछ प्रधानाध्यापक उनका नामांकन भी नहीं कर रहे हैं। शिक्षक विशेष शिक्षक स्कूल में नहीं होने की बात कहकर हाथ खड़े कर देते हैं।
बीएसए ने निर्देश दिए कि विद्यालय में नामांकन के लिए सभी दिव्यांग बच्चों का नामांकन अवश्य किया जाए। दिव्यांगता की स्थिति के आधार पर बच्चों को नामांकन से वंचित नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेताया कि उनकी अनुमति के पूर्व किसी भी दिव्यांग बच्चे का नाम विद्यालय से अलग नहीं किया जाएगा। उनका डाटा भी पोर्टल से नहीं हटाया जाए।