नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शैक्षणिक सत्र 2023-24 में दाखिले लेने से पहले छात्रों को शिक्षण संस्थानों की मान्यता जांचने का आग्रह किया है। यूजीसी ने देश के 20 फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी की है। इनमें से चार विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के हैं। जबकि देश की राजधानी दिल्ली में सबसे अधिक आठ विश्वविद्यालय फर्जी हैं।
यूजीसी सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी ने बुधवार को फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी करते हुए लिखा है कि ‘छात्रों और आम लोगों को सूचित किया जाता है कि देश के विभिन्न हिस्सों में 20 स्वयंभू और गैर पंजीकृत संस्थान यूजीसी अधिनियम का उल्लंघन कर रहे हैं।
इनमें सबसे ज्यादा आठ विश्वविद्यालय दिल्ली में हैं। इसके अलावा केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में एक-एक फर्जी विश्वविद्यालय हैं। ये हैं फर्जी विश्वविद्यालयः यूपी में गांधी हिंदू विद्यापीठ (प्रयाग) इलाहाबाद, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कम्प्लेक्स होम्योपैथी (कानपुर), नेताजी सुभाष चंद्र बोस मुक्त विश्वविद्यालय (अलीगढ़),
यूजीसी ने जारी की फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची दिल्ली के आठ व यूपी के चार
भारतीय शिक्षा परिषद ( भारत भवन) लखनऊ।
दिल्ली में कमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड दरियांगज, ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एंड फिजिकल हेल्थ साइंसेज (एआईआईपीएचएस) स्टेट गवर्नमेंट यूनिवर्सिटी अलीपुर, यूनाइटेड नेशन्स यूनिवर्सिटी, वोकेशनल यूनिवर्सिटी, एडीआर- सेंट्रिक ज्यूरिस्डिकल यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग, आध्यात्मिक विश्वविद्यालय और विश्वकर्मा ओपेन यूनिवर्सिटी फॉर सेल्फ इम्प्लॉयमेंट को यूजीसी से डिग्री, कोर्स, डिप्लोमा की पढ़ाई करवाने की मान्यता नहीं दी गयी है।
इसके अलावा बडागानवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसायटी (कर्नाटक), सेंट जॉन्स यूनिवर्सिटी (केरल), राजा अरेविक यूनिवर्सिटी (महाराष्ट्र) और श्री बोधी एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (पुडुचेरी), पश्चिम बंगाल का इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन और इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसन एंड रिसर्च कोलकाता का नाम है।