देवरिया। जिले में संदिग्ध प्रमाणपत्रों के आधार पर कार्य करने वाले परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों की आधी सूची तैयार कर एसटीएफ को भेज दी गई है। इस सूची में कुछ कर्मचारियों के भी नाम शामिल हैं, जो पिछले कई साल से मृतक आश्रित कोटे से नौकरी कर रहे हैं, इनके संबंध में पूर्व में भी कई बार शासन स्तर से शिकायत हो चुकी है।
पिछले सप्ताह एसटीएफ की ओर से महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद को पत्र लिखकर अवगत कराया गया कि प्रदेश के 28 जिलों के बीएसए 235 शिक्षकों की नियुक्ति एवं शैक्षिक योग्यता से संबंधित दस्तावेज सहित अन्य रिकार्ड देने में लगातार आनाकानी एवं लापरवाही कर रहे हैं। इन जिलों में देवरिया भी शामिल था। जांच एजेंसी का यहां तक आरोप था कि उन्हें इन शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेजों की प्रतियां देकर इन जिलों के बीएसए व पटल बाबू केवल टरका रहे हैं। पत्र के जगजाहिर होने के बाद एवं विभाग की किरकिरी होता देख महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने संबंधित जिलों के बीएसए को नोटिस जारी कर इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई किए जाने का निर्देश दिया। एसटीएफ की सूची के अनुसार देवरिया जनपद से कुल 92 शिक्षकों जिसमें कुछ कार्यालय के कर्मचारी भी शामिल हैं, का शैक्षिक दस्तावेज व आधार, पैनकार्ड, निवास प्रमाण पत्र सहित अन्य सूचनाओं को उपलब्ध कराने में बेसिक कार्यालय स्तर से देरी की जा रही थी।
पांच साल में 71 शिक्षक हो चुके हैं बर्खास्त
शिक्षक भर्ती फजीवाड़े को लेकर चर्चित रहे जनपद में पिछले पांच साल में 71 शिक्षकों काे बर्खास्त किया जा चुका है। दो जुलाई को ज्वाइन करने वाली नई बीएसए भी अब तक तीन शिक्षकों को सेवा से बाहर कर चुकी हैं। इसमें एक शिक्षक की अपील कोर्ट में खारिज होने के बाद उसे भी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है।
एसटीएफ की ओर से संदिग्ध शिक्षकों के संबंध में जो भी सूचनाएं व शैक्षिक दस्तावेज मांगे गए थे, उसमें से 50 प्रतिशत की सूची बनाकर भेज दी गई है। इसमें देरी की मुख्य वजह यह है कि एक साथ सभी के संबंध में सूचनाएं नहीं तैयार हो पाती। सूची में कार्यालय के कुछ कर्मचारियों के भी नाम शामिल हैं। जल्द ही शेष की सूची भी उन्हें उपलब्ध करा दी जाएगी।
- शालिनी श्रीवास्तव, बीएसए