लखनऊ, । लखनऊ में शिक्षकों ने सोमवार को शिक्षा निदेशालय में प्रदर्शन किया। दोपहर करीब दो बजे स्कूल महानिदेशक ने शिक्षक नेताओं के प्रतिनिधिमण्डल से मुलाकात की। वार्ता बैठक में आश्वासन दिया कि निदेशालय स्तर पर लंबित मांगें जल्द पूरी कर दी जाएंगी। नीतिगत निर्णयों के लिए 16 अक्तूबर को शिक्षक नेताओं के प्रतिनिधिमण्डल की शासन के उच्च अधिकारियों से वार्ता कराएंगे।
शिक्षकों ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित 18 सूत्री मांग पत्र उन्हें दिया। शिक्षकों के विरोध प्रदर्शन के चलते शहर की ट्रैफिक व्यवस्था चौपट हो गई। ट्रैफिक विभाग के पास पहले से कोई प्लान नहीं था और अंदाजा भी नहीं था कि इतने शिक्षक आ जाएंगे।
अफसरों पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, उप्र.शिक्षक संघ और उप्र.माध्यमिक शिक्षक के नेतृत्व में सोमवार सुबह सात बजे से ही शिक्षकों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। 10 बजे तक निदेशालय परिसर खचाखच भर गया। शिक्षक नेताओं ने स्कूल महानेदशक विजय किरण आनंद के दोपहर एक बजे तक निदेशालय न आने पर नाराजगी जताई। मंच से ऐलान कर दिया कि दो बजे तक महानिदेशक वार्ता के लिए नहीं आए तो शिक्षक विधान भवन का घेराव करेंगे। इसके कुछ देर बाद ही स्कूल महानिदेशक दफ्तर पहुंचे। और वार्ता के लिए शिक्षक संगठन के प्रतिनिधियों को बुलाया।
पुरानी पेंशन बहाली समेत ये हैं शिक्षकों की प्रमुख मांगें
● पुरानी पेंशन की बहाली
● राज्य कर्मचारियों की तरह उपार्जित अवकाश, द्वितीय शनिवार अवकाश, प्रतिकर अवकाश, अध्ययन अवकाश, कैशलेस चिकित्सा
● माध्यमिक शिक्षकों की सेवा सुरक्षा संबंधी धारा 21, धारा 18 एवं धारा 12 की बहाली
● प्रत्येक विद्यालय में प्रधानाध्यापक की पदोन्नति एवं तैनाती, सभी शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान, 10 लाख रुपए का सामूहिक बीमा, अंतरर्जनपदीय एवं अंत जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के लिए न्यूनतम सेवा अवधि की समाप्ति
● वित्त विहीन स्कूलों के शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन दिया जाये
● तदर्थ शिक्षकों विनियमित कर नियमित वेतन भुगतान किया जाये