, लखनऊ : पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग को लेकर कर्मचारी संगठन एक बार फिर से आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली में भी आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी, जिसमें केंद्रीय और विभिन्न राज्यों के कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी शामिल होंगे। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी का कहना है कि इस बार देशव्यापी हड़ताल की तैयारी है। 14 अक्टूबर को दिल्ली के रेलवे भवन में बैठक होने जा रही है, जिसमें राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के साथ ही रेलवे, आयकर, डाक के अलावा अलग-अलग राज्यों के कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी शामिल होंगे। बैठक में कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल पर मंथन होगा। कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष बीपी मिश्र का कहना है कि सरकार पुरानी पेंशन को लागू करने में मनमानी कर रही है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी का कहना है कि एक जनवरी 2004 से पहले नियुक्ति पाए केंद्रीय कर्मचारियों की किन्ही कारणों से तैनाती में देरी हो गई तो उसे भी पुरानी पेंशन से बाहर कर दिया गया, लेकिन बाद में केंद्र
सरकार ने ऐसे कर्मचारियों को राहत दी थी और कटआफ डेट 2009 कर दी गई थी। इसे उत्तर प्रदेश में लागू नहीं किया जा रहा है। शासन स्तर पर हुई कई बैठकों में केंद्र सरकार के आदेश को लागू करने पर सहमति बन चुकी है, लेकिन उसका आदेश जारी नहीं किया जा रहा है। उनका कहना है कि 16 अक्टूबर से प्रदेश के हर जिले में पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री अतुल मिश्र का कहना है कि उनका संगठन भी जल्द ही बैठक बुलाएगा और पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर आंदोलन की रणनीति तय होगी। उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ दस अक्टूबर को हर जिले में प्रदर्शन कर प्रदेश सरकार को ज्ञापन देगा। महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र का कहना है कि उनकी प्रमुख मांगों में पुरानी पेंशन की बहाली भी है और दस अक्टूबर के प्रदर्शन के बाद भी सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया तो चार नवंबर को पूरे प्रदेश में निकायों से जुड़ी सेवाओं को बाधित किया जाएगा।